शांति समझौता ‘शर्मनाक’; लक्ष्य और आदर्श छोड़े जाने पर राजनीतिक समाधान संभव नहीं: उल्फा (आई)

मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्रालय, असम सरकार और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट ने बीते 29 दिसंबर को एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. परेश बरुआ के नेतृत्व वाला दूसरा गुट, जिसे उल्फा (आई) के नाम से जाना जाता है, शांति प्रक्रिया में शामिल नहीं हुआ है.