केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने हाल ही में संसद में बताया कि हरियाणा और गुजरात ने परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत पिछले तीन वर्षों में जैविक खेती के लिए प्राप्त राशि में से एक भी पैसा ख़र्च नहीं किया. हरियाणा और गुजरात को क्रमशः 5.05 लाख रुपये और 10.10 लाख रुपये मिले थे.