तीनों व्यक्तियों को द रेजिस्टेंस फ्रंट के लिए काम करने के आरोप में पीएसए के तहत गिरफ़्तार किया गया है. बीते दिनों सूबे में नागरिकों पर हुए हमलों की ज़िम्मेदारी लेने वाले द रेजिस्टेंस फ्रंट को प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का उपसंगठन माना जाता है. पुलिस के डोज़ियर में तीनों पर आधुनिक संचार तकनीक का इस्तेमाल करने की बात कहीं गई है, हालांकि एक के संबंधी ने बताया कि तीनों निरक्षर हैं और उन्होंने कभी स्मार्टफोन तक इस्तेमाल नहीं किया है.