वीडियो: हम भी भारत की 60वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी राफेल सौदे की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल याचिकाएं ख़ारिज होने पर अधिवक्ता प्रशांत भूषण और द वायर के फाउंडिंग एडिटर एमके वेणु से चर्चा कर रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में राफेल विमान सौदे पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक संशोधित रिपोर्ट के बारे में लिखा गया है. हालांकि कैग और संसद के अधिकारियों ने बताया कि संविधान में ऐसी किसी रिपोर्ट का प्रावधान नहीं है.
राफेल मामले की सुनवाई के दौरान कैग रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गलत तथ्य देने के आरोप में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस कैग रिपोर्ट का ज़िक्र है, उसके बारे में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कहना है कि ऐसी कोई रिपोर्ट न ही सार्वजनिक की गई है न ही संसदीय समिति को सौंपी गई है.
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा फ्रांस से हुए 36 राफेल विमान के सौदे में कथित अनियमितताओं की जांच की याचिका भले ही सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी हैं, लेकिन इसको लेकर छिड़ा विवाद अभी थमता नज़र नहीं आता.
राफेल मामले में दिए गए फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कैग के साथ राफेल की क़ीमत का ब्यौरा साझा किया गया और कैग की रिपोर्ट पर पीएसी ने ग़ौर किया. हालांकि पीएसी के सदस्यों का कहना है कि उनके पास न ऐसी कोई रिपोर्ट आई, न ही उन्होंने इसे जांचा है.
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले में बताई गई कैग रिपोर्ट के बारे में संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अदालत को ग़लत जानकारी दी गई, जिसके आधार पर यह फ़ैसला आया है.
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस कैग रिपोर्ट का ज़िक्र है, उसके बारे में याचिकाकर्ताओं और पब्लिक एकाउंट्स कमेटी का कहना है कि ऐसी कोई रिपोर्ट न ही सार्वजनिक की गई है न ही संसदीय समिति को सौंपी गई है.
हाशिमपुरा नरसंहार मामले में 31 साल बाद आया फैसला. गवाह ने आरोप लगाया कि नरसंहार के बाद पुलिस के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पीड़ित लोगों को परेशान किया और कार्रवाई के नाम पर पक्षपात हुआ. इस केस को कमज़ोर करने की कोशिश की गई.
1987 में उत्तर प्रदेश के हाशिमपुरा में 42 लोगों की हत्या के आरोप में दिए निचली अदालत के फ़ैसले को पलटते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने 16 पीएसी जवानों को दोषी माना है.
1987 में हुआ हाशिमपुरा नरसंहार बीते कुछ दशकों में हुई त्रासदियों में से एक है. ढेरों सबूतों और चश्मदीदों की गवाही के बावजूद मार्च 2015 में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था.
चारों तरफ़ ख़ून के धब्बे बिखरे थे. नहर की पटरी, झाड़ियों और पानी के अंदर ताज़ा जख़्मों वाले शव पड़े थे. समझ में सिर्फ़ इतना आया कि इन शवों और रास्ते में दिखे पीएसी की ट्रक में कोई संबंध ज़रूर है.