कुशीनगर के जंगल खिरकिया गांव के रहने वाले शैलेश माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के क़र्ज़ में फंसे थे. उनकी पत्नी ने सिलाई मशीन लेकर कपड़े सिलकर गुजर-बसर करने की कोशिश भी की, पर क़र्ज़ की क़िस्त जमा न करने पर माइक्रोफाइनेंस कंपनी का एजेंट सिलाई मशीन ही उठा ले गया.
कुशीनगर संसदीय क्षेत्र काफ़ी समय से भाजपा का मज़बूत गढ़ है, जहां सफलता की चाह में सपा ने इस बार अजय सिंह उर्फ पिंटू सैंथवार को उतारा है. हालांकि, सपा को भाजपा की तरफ से दोबारा उतारे गए विजय दुबे से ज़्यादा चुनौती स्वामी प्रसाद मौर्य से मिल सकती है, जो इस बार अपने बूते अपनी नई पार्टी को खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के वक्त भाजपा को छोड़कर उसे क़रारा झटका दिया है. भाजपा ने नुकसान की भरपाई करने के लिए कांग्रेस के बड़े नेता पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री तथा स्वामी प्रसाद मौर्य के प्रतिद्वंद्वी आरपीएन सिंह को अपने साथ लिया है. दोनों कद्दावर नेताओं के जनाधार की परीक्षा इस चुनाव में होनी है.
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़ सपा में जाने और फिर आरपीएन सिंह के कांग्रेस से भाजपा में आने के बाद उत्तर प्रदेश में कुशीनगर ज़िले के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह उलट-पुलट गए हैं. आरपीएन के ज़रिये भाजपा मौर्य के राजनीतिक प्रभाव को काटने में लगी है तो सपा मौर्य के साथ अपने पार्टी के बड़े नेताओं के बीच संतुलन बिठाने में लगी है.