पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संगरूर, बठिंडा, लुधियाना, मनसा, मोगा और बरनाला ज़िलों के सभी गांवों में घर-घर जाकर किया गया सर्वे बताता है कि साल 2000 से 2018 के बीच आत्महत्या करने वालों में सीमांत और छोटे किसानों की संख्या अधिक है. इनमें से 75 फीसदी किसान 35 वर्ष से कम उम्र के थे.