ईवीएम से मतदान लोकतंत्र के लिए सर्वोपरि माने जाने वाले किसी भी सिद्धांत का पालन नहीं करता

मत-पत्रों की पूर्ण पारदर्शिता के विपरीत, ईवीएम-वीवीपैट प्रणाली पूरी तरह से अपारदर्शी है. सब कुछ एक मशीन के भीतर एक अपारदर्शी तरीके से घटित होता है. वहां क्या हो रहा है, उसकी कोई जानकारी मतदाता को नहीं होती. न ही उसके पास इस बात को जांचने या संतुष्ट होने का ही कोई मौका होता है कि उसका मत सही उम्मीदवार को ही गया है.

2024 के लोकसभा चुनावों की निगरानी के लिए सैम पित्रोदा और सिविल सोसाइटी विशेषज्ञ समूह बनाएंगे

द सिटिजेंस क​मीशन ऑन इलेक्शन और इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा 2024 के लोकसभा चुनावों की निगरानी के लिए एक समूह बनाएंगे. पित्रोदा ने कहा कि नागरिकों का ईवीएम से चुनाव कराने की वर्तमान प्रणाली पर से विश्वास उठ गया है. अगर विश्वास की कमी को पूरा करना है तो चुनाव कराने का एकमात्र तरीका मत-पत्र हैं.

ब्राज़ील: संसद ने बैलट पेपर से मतदान कराने के राष्ट्रपति बोल्सोनारो के प्रस्ताव को ख़ारिज किया

ब्राज़ील के दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने धमकी दी है कि यदि चुनाव प्रक्रिया में बदलाव नहीं किया जाता है तो वे अगले साल के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को स्वीकार नहीं करेंगे. राष्ट्रपति चुनाव में उनका मुक़ाबला पूर्व राष्ट्रपति लुइज़ इनासिओ लूला डा सिल्वा से हैं और हाल के तमाम जनमत सर्वेक्षणों में लूला को बोल्सोनारो से काफी आगे बताया गया है.

मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को चौपट किया: मनमोहन

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी और सही ढंग से जीएसटी लागू नहीं किए जाने से बहुत से लोगों की नौकरियां चली गईं और कारोबार को नुकसान पहुंचा.