कॉलेजियम की आलोचना पर सीजेआई बोले- संवैधानिक लोकतंत्र में कोई भी संस्था परफेक्ट नहीं

संविधान दिवस के उपलक्ष्य में हुए एक कार्यक्रम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम के सभी न्यायाधीश संविधान को लागू करने वाले वफ़ादार सैनिक हैं. जब हम ख़ामियों की बात करते हैं, तो हमारा समाधान है- मौजूदा व्यवस्था के भीतर काम करना.

संसद में पांच वर्ष से अधिक पुराने क़रीब 300 सरकारी आश्वासन लंबित

संसदीय कार्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों में से इस वर्ष अगस्त तक लोकसभा में 1,005 और राज्यसभा में 636 आश्वासन लंबित हैं. कोई आश्वासन दिए जाने के बाद संबंधित मंत्रालय या विभाग को उसे 3 महीने के अंदर पूरा करना अपेक्षित होता है.

बिना विकल्प के कॉलेजियम प्रणाली की आलोचना का कोई अर्थ नहीं: पूर्व सीजेआई टीएस ठाकुर

भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि कोई भी यह नहीं कह सकता है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली सबसे उत्तम प्रणाली है, लेकिन इस प्रणाली में सुधार किया जा सकता है जैसा कि प्रधान न्यायाधीश ने हाल ही में उल्लेख किया था.

न्यायिक नियुक्ति आयोग पर क़ानून मंत्री बोले- सुप्रीम कोर्ट देश की इच्छा पर सहमत नहीं हुआ

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली के अपारदर्शी होने की बात दोहराते हुए कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम देश की सामूहिक इच्छा थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट सहमत नहीं हुआ.

तकनीकी, ग़ैर-तकनीकी उच्च शिक्षा संस्थानों में हिंदी और स्थानीय भाषाएं हों माध्यम: संसदीय समिति

एक संसदीय समिति की सिफ़ारिश है कि हिंदी-भाषी राज्यों में आईआईटी जैसे तकनीकी और ग़ैर-तकनीकी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का माध्यम हिंदी, और देश के अन्य हिस्सों में स्थानीय भाषा होना चाहिए. समिति ने यह अनुशंसा भी की है कि हिंदी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक होनी चाहिए.

अदालतों को निष्पक्ष होना चाहिए, कुछ स्थितियों में विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए: पूर्व सीजेआई

भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने एक समारोह में कहा कि 21वीं सदी की उपलब्धियों की सराहना करने की ज़रूरत है, लेकिन एक राष्ट्र के रूप में हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकते कि करोड़ों भारतीयों के लिए भूख, ग़रीबी, अशिक्षा व सामाजिक असमानता अब भी एक हक़ीक़त है.

संसद निष्क्रिय हो गई है, लोकतंत्र सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहा है: पी. चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने एक साक्षात्कार में कहा कि संस्थानों को नियंत्रित, कमज़ोर किया जा रहा है या उन पर कब्ज़ा कर लिया गया है. भले ही हमारे पास लोकतंत्र का कवच है, लेकिन भीतर से यह कवच खोखला हो चुका है.

सरकार ने राज्यसभा में बताया, देश के 23 आईआईटी में 4,500 से ज़्यादा फैकल्टी पद ख़ाली

शिक्षा मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में यह जानकारी दी गई है कि आईआईटी खड़गपुर में 798 और आईआईटी बॉम्बे में 517 फैकल्टी पद ख़ाली हैं, जो कि देश के दूसरे आईआईटी की तुलना में सबसे अधिक हैं. शीर्ष वरियता प्राप्त आईआईटी मद्रास में भी 482 फैकल्टी पद ख़ाली पड़े हैं.

संसद सत्र के दौरान आपराधिक मामलों में सांसदों को कोई विशेषाधिकार नहीं: वेंकैया नायडू

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधी दल के नेताओं को निशाना बनाए जाने के विपक्ष के आरोपों के मद्देनज़र यह स्पष्ट किया. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते चार जुलाई को सदन में आरोप लगाया था कि संसद सत्र जारी रहने के बावजूद उन्हें ईडी द्वारा समन भेजा गया है.

अल्पसंख्यकों पर हमले का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं: राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

वीडियो: संसद में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता अब्दुल वहाब ने सवाल पूछा गया कि क्या बीते कुछ सालों में देश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की घटना बढ़ गई है. अगर ऐसा है तो केंद्र द्वारा उनकी सुरक्षा के लिए क्या किया गया है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इसके जवाब में कहा कि केंद्र के पास ऐसा कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है.

सात साल की अवधि में मोदी सरकार की पेट्रोलियम क्षेत्र से कमाई में 186 प्रतिशत की वृद्धि हुई

राज्यसभा में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था. यह मई, 2020 में रिकॉर्ड वृद्धि के साथ क्रमश: 32.98 रुपये और 31.83 रुपये प्रति लीटर हो गया. केंद्र ने 2014-15 में पेट्रोलियम क्षेत्र में शुल्क और करों से 1.72 लाख करोड़ रुपये कमाए थे, जो 2021-22 में बढ़कर

गुजरात में ज़हरीली शराब से मौत का मुद्दा उठाने के कारण राज्यसभा से निलंबित किया गयाः संदीप पाठक

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने दावा किया कि उन्हें और उनकी पार्टी के एक और सदस्य सुशील गुप्ता को भाजपा शासित गुजरात में ज़हरीली शराब के कारण कई लोगों की मौत का मुद्दा सदन में उठाने के लिए निलंबित कर दिया गया. पाठक ने आरोप लगाया कि ज़हरीली  शराब के कारण अब तक 75 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. सरकार वास्तविक आंकडों को छुपा रही है.

2024 में किस चेहरे के साथ आम चुनाव में उतरेगा विपक्ष?

वीडियो: मानसून सत्र के दौरान पूरा विपक्ष सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहा है जिसमें महंगाई भी एक अहम मुद्दा है. आरबीआई, चुनाव आयोग, सीबीआई जैसे कई और मसलों पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत. 

जम्मू कश्मीर: वर्ष 2017 से आतंकी हमलों में 28 प्रवासी कामगार मारे गए

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर में सीमापार से प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों एवं प्रवासी कामगारों को लक्ष्य बनाकर कुछ हमले किए गए. वर्ष 2017 से अब तक ऐसे हमलों में 28 कामगार मारे गए हैं, जिनमें सात बिहार के, दो महाराष्ट्र और एक झारखंड के थे.

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले तीन वर्षों में फेमा-मनी लॉन्ड्रिंग के मामले तीन गुना बढे़

लोकसभा में दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 11,420 फेमा मामलों को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले तीन वर्षों में जांच के लिए लिया गया था. पहले कार्यकाल के पहले तीन वर्षों में ये सिर्फ 4,424 मामलों थे, जो 158 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है. मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 2014-15 से 2016-17 के बीच 489 मामलों की तुलना में 2019-20 से 2021-22 में 2,723 मामले दर्ज किए गए, जो कि 456 प्रतिशत का उछाल है.

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