युवतियों की विवाह उम्र बढ़ाने संबंधी विधेयक की पड़ताल करने वाली समिति में मात्र एक महिला सदस्य

युवतियों के विवाह की क़ानूनी आयु को बढ़ाकर 21 साल करने संबंधी विधेयक की जांच पड़ताल करने वाली संसद की स्थायी समिति के 31 सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव अकेली महिला हैं. देव ने कहा कि समिति में और महिला सांसद होतीं तो बेहतर होता.

शादी की क़ानूनी उम्र बढ़ जाने मात्र से महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं होगा

भारतीय समाज में शादी-ब्याह के मामले पेचीदा विरोधाभासों और विडंबनाओं में उलझे हुए हैं. इन्हें किसी क़ानूनी करतब से सुलझाना नामुमकिन है. जब युवा महिलाओं को स्तरीय शिक्षा के साथ वाजिब वेतन पर रोज़गार मिलेगा तब वे सही मायने में स्वावलंबी और सशक्त बन सकेंगी. फिर वे ख़ुद तय करेंगी कि शादी करनी भी है या नहीं, और अगर करनी है तो कब, किससे और कैसे.

लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल करने से जुड़ा विधेयक स्थायी समिति को भेजा गया

बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक 2021 को लोकसभा में पेश करने के बाद विचार-विमर्श और सिफ़ारिशों के लिए स्थाई समिति के पास भेजा गया है. इस विधेयक में लड़कियों के विवाह की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 करने का प्रस्ताव है. विपक्ष के विरोध के बीच इसे मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था.

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत क़रीब 80 फीसदी धनराशि प्रचार पर ख़र्च हुई

महिला सशक्तिकरण पर संसदीय समिति की लोकसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार, 2016-2019 के दौरान योजना के तहत जारी कुल 446.72 करोड़ रुपये में से 78.91 फीसदी धनराशि सिर्फ मीडिया के ज़रिये प्रचार में ख़र्च की गई. समिति ने कहा कि सरकार को लड़कियों के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी निवेश करना चाहिए.

लिंग चयन निषेध अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में दोषसिद्धि में देरी पर संसदीय समिति ने चिंता जताई

एक संसदीय समिति ने कहा है कि गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक लिंग चयन निषेध अधिनियम (पीसीएंडपीएनडीटी) के तहत पिछले 25 वर्षों से दर्ज 3,158 न्यायिक मामलों में से केवल 617 मामलों में दोषसिद्धि हुई. समिति ने सिफ़ारिश की कि मामलों की सुनवाई में तेज़ी लाई जाए और निर्णय लेने में छह महीने से अधिक समय नहीं लगना चाहिए.

देश के आठ राज्यों ने ही अपने सभी स्कूलों में पेयजल की सुविधा सुनिश्चित की: संसदीय समिति

संसद में हाल ही में पेश एक स्थायी संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि सिर्फ आठ राज्यों ने अपने सभी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा सुनिश्चित की है. समिति ने शिक्षा मंत्रालय से 2021-22 के अंत तक हर शैक्षणिक संस्थान में नल से जल मिशन के तहत सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है.

शिकायतों के निपटारे को वैधानिक तंत्र देने के लिए सरकार ने केबल टीवी नियमों में संशोधन किया

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि पारदर्शी वैधानिक तंत्र मुहैया कराने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है और इससे लोगों को लाभ होगा. संशोधित नियम के मुताबिक चैनलों पर प्रसारित किसी भी कार्यक्रम से परेशानी होने पर दर्शक उस संबंध में प्रसारक से लिखित शिकायत कर सकता है.

संसदीय समिति सदस्यों ने ओटीटी, सोशल मीडिया मंचों के लिए नए नियमों पर सवाल खड़े किए

संसदीय समिति के सदस्यों ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछा कि क्या नियम कानूनी ढांचे के अनुरूप हैं? नियामक व्यवस्था में केवल नौकरशाह ही क्यों हैं और नागरिक समाज, न्यायपालिका तथा पेशेवर लोगों का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं है?

पर्यावरण मंत्रालय का अनुमानित बजट तीन साल में सबसे कम, 900 करोड़ अतिरिक्त फंड की ज़रूरत: समिति

राज्यसभा सांसद जयराम रमेश की अध्यक्षता वाली पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय के बजट में 35 फीसदी की कटौती की गई. इसके साथ ही पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बजटीय आवंटन में 770 करोड़ रुपये या 37 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.

कोरोना के चलते स्वास्थ्य पर अत्यधिक ख़र्च और ग़रीबी बढ़ने की आशंका: संसदीय समिति

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसद की स्थायी समिति ने कोरोना महामारी को लेकर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और इससे विभिन्न क्षेत्रों में पड़े प्रभावों का आकलन किया है. समिति ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवा की ख़राब स्थिति को लेकर चिंतित है और सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य में निवेश बढ़ाने की सिफ़ारिश करती है.

संसदीय समिति ने सरकार द्वारा विभिन्न मौकों पर इंटरनेट बंद करने के मामलों को कम करने पर चर्चा की

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अधिकारियों के प्रेजेंटेशन के बाद सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के सदस्य इस आम सहमति पर पहुंचे कि देश में इंटरनेट शटडाउन पर निर्भरता कम होनी चाहिए, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का भी ख़्याल किया जाना चाहिए.

ग्रेच्युटी की समयसीमा पांच साल से घटाकर एक साल की जाए: संसदीय समिति

श्रम पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफ़ारिश की है कि ग्रेच्युटी की सुविधा को सभी प्रकार के कर्मचारियों तक बढ़ाया जाना चाहिए, जिसमें ठेका मज़दूर और दैनिक या मासिक वेतन कर्मचारी शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट का चुनावी बॉन्ड योजना पर तत्काल रोक से इनकार, केंद्र और चुनाव आयोग से मांगा जवाब

चुनावी बॉन्ड योजना को लागू करने के लिए मोदी सरकार ने साल 2017 में विभिन्न कानूनों में संशोधन किया था. इसके बाद एडीआर ने याचिका दायर कर इन संशोधनों को चुनौती दी थी.

चुनावी बॉन्ड: चुनाव आयोग ने क़ानून मंत्रालय के अलावा संसदीय समिति को भी पत्र लिख जताई थी चिंता

चुनाव आयोग ने राज्यसभा की संसदीय समिति को बताया था कि यह समय में पीछे जाने वाला क़दम है और इसकी वजह से राजनीतिक दलों की फंडिंग से जुड़ी पारदर्शिता पर प्रभाव पड़ेगा.

संसद की विभाग संबंधी समितियों की बैठकों में सदस्यों की गैरहाजिरी चिंता का विषय: नायडू

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि समितियां, विभिन्न विषयों पर तभी पर्याप्त विश्लेषण कर अपनी रिपोर्ट दे सकेंगी जब समितियों के सदस्य इनकी बैठकों में नियमित तौर पर उपस्थित होंगे.