कांग्रेस का पूर्ण अध्यक्ष चुनने के लिए चुनाव से पहले अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की. बीते अगस्त माह में लिखे गए इस पत्र में पूर्णकालिक एवं ज़मीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की गई थी.
कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में से कई लोगों का क़द छोटा कर दिया गया. पत्र लिखने वाले नेताओं मनीष तिवारी और शशि थरूर को भी फ़िलहाल कोई नई ज़िम्मेदारी नहीं दी गई है. प्रियंका गांधी को अब पूरे उत्तर प्रदेश के प्रभारी का ज़िम्मा आधिकारिक रूप से सौंप दिया गया है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के निष्काषित नेताओं के पत्र लिखने वाले दिन ही पार्टी ने प्रदेश के लिए सात महत्वपूर्ण समितियों का गठन किया है. इनमें उन नेताओं को जगह नहीं मिली है, जो कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल थे.
पार्टी में व्यापक बदलाव लाने की मांग करते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल कपिल सिब्बल ने कहा है कांग्रेस ने हमेशा भाजपा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने संविधान का उल्लंघन किया है और लोकतंत्र की जड़ों को तबाह किया है. हम यही चाहते हैं कि हमारी पार्टी के संविधान का पालन किया जाए.
कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव को लेकर पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि इसे लिखने का मक़सद नेतृत्व को कमतर दिखाना नहीं था. इसे बस यह सुझाव देने के इरादे से लिखा गया था कि कैसे पार्टी को फिर से खड़ा किया जाए और मज़बूती दी जाए.
कांग्रेस में व्यापक बदलाव और पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष चुनने की मांग को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वालों में से एक जितिन प्रसाद के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर लखीमपुर खीरी ज़िला इकाई ने प्रस्ताव पारित किया है. इस पर कपिल सिब्बल ने कहा है कि कांग्रेस को अपने लोगों पर नहीं, बल्कि भाजपा पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की ज़रूरत है.
कांग्रेस में आमूलचूल परिवर्तन की मांग के लिए पार्टी के 23 नेताओं ने पत्र लिखा, जिसके बाद कार्य समिति की बैठक में अगले छह महीने में पार्टी अध्यक्ष का चुनाव करने की बात कही गई. जानकारों का कहना है कि पार्टी ने घिसा-पिटा रवैया अपनाया. उनके पास बदलाव लाने का एक बेहतरीन मौक़ा था, जिसे उन्होंने फिर गंवा दिया.
वीडियो: बीते दिनों कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की थी. इसके बाद कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में फैसला लिया गया कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी और अगले छह महीने में पार्टी अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा. इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक प्रो. नीरा चंढोक से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में फैसला लिया गया कि सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी और अगले छह महीने में पार्टी अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा. पार्टी में उस वक्त सियासी तूफान आ गया था, जब पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई थी.
गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, शशि थरूर समेत कई पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और प्रदेशाध्यक्षों द्वारा लिखे पत्र में पार्टी में व्यापक सुधार लाने, सत्ता का विकेंद्रीकरण करने, राज्य इकाइयों को सशक्त करने और एक केंद्रीय संसदीय बोर्ड के तत्काल गठन की मांग की गई है.