झारखंड: घोषणा के चार साल बाद भी हेमंत सोरेन सरकार ने पत्थलगड़ी संबंधित सभी मामले वापस नहीं लिए

झारखंड जनाधिकार महासभा की ओर से कहा गया है कि खूंटी ज़िले में पत्थलगड़ी आंदोलन से संबंधित दर्ज 5 केस अब तक वापस नहीं लिए गए हैं. इनमें से एक मामला दिवंगत फादर स्टेन स्वामी 20 सामाजिक कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों से भी संबंधित है. संगठन ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने इन मामलों को वापस लेने की मांग की.

झारखंड: ‘कोल्हान एस्टेट’ फ़र्ज़ी बहाली ने आदिवासी अधिकारों के उल्लंघन को फ़िर से उजागर किया है

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले में पिछले कई महीनों से ‘हो आदिवासी’ समुदाय के कुछ युवक ब्रिटिशकालीन ‘कोल्हान गवर्नमेंट एस्टेट’ में ग्रामीण पुलिस और ‘हो भाषा’ के शिक्षक के पद के लिए हज़ारों आदिवासियों की बहाली कर रहे थे. आवेदकों से आवेदन और बीमा के नाम पर पैसे भी लिए जा रहे थे. हालांकि इस नौकरी घोटाले को ‘अलग राष्ट्र की मांग’ का नाम दे दिया गया.

झारखंड में हुई हालिया हत्याओं को पत्थलगड़ी आंदोलन से जोड़ना कितना सही है?

बीते जनवरी में राज्य में हुई सात लोगों की हत्या को पुलिस और सीआरपीएफ ने पत्थलगड़ी से जुड़ा बताया था, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि यह एक नए पंथ सती पति से जुड़े लोगों द्वारा सरकारी योजनाओं का लाभ न लेने, आदिवासी परंपराओं को न मानने देने, कागज़ात जमा करने के विरोध में हुए मतभेदों का नतीजा है.

झारखंड: कथित तौर पर पत्थलगड़ी आंदोलन का विरोध करने पर सात लोगों की हत्या, दो लापता

घटना झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले के गुलीकेरा गांव की है. आरोप है कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने इस घटना को अंजाम दिया है.

झारखंड: पहली कैबिनेट बैठक में हेमंत सरकार ने वापस लिए पत्थलगड़ी राजद्रोह मामले

पत्थलगड़ी आंदोलन की शुरुआत होने के बाद कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि उन्हें 'पुलिस क्रूरता' का सामना करना पड़ा. 172 लोगों के खिलाफ अन्य मामलों के साथ राजद्रोह के कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे. सभी मामलों को वापस लेने का फैसला किया गया है.

झारखंडः क्या ईसाई संगठनों पर दमनकारी रवैया अपना रही सरकार?

झारखंड में ईसाई संगठन और चर्च राज्य सरकार के रवैये पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. जबकि कुछ घटनाओं को केंद्र में रखकर भाजपा तथा आरएसएस-विहिप भी मिशनरी संस्थाओं पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है.

झारखंड से ग्राउंड रिपोर्ट: ‘अब बिरसा न परदेस जाएगा और न ही किसी पत्थलगड़ी सभा में’

झारखंड के खूंटी ज़िले के घाघरा में गत 27 जून को पत्थलगड़ी के दौरान हुई झड़प में आदिवासी बिरसा मुंडा की मौत हो गई थी. इसके बाद भाजपा सांसद करिया मुंडा के तीन सुरक्षाकर्मियों का अपहरण पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा कर लिया गया था.

ग्राउंड रिपोर्ट: कोचांग गांव का आंखों देखा हाल, जहां पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ गैंगरेप हुआ

झारखंड के खूंटी ज़िले के कोचांग गांव में पिछले दिनों मानव तस्करी के ख़िलाफ़ जागरूकता फैलाने गईं पांच युवतियों को अगवाकर गैंगरेप ​किया गया था.

झारखंड: पुलिस और पत्थलगड़ी समर्थकों में हिंसक झड़प, भाजपा सांसद के घर हमला, तीन जवान अगवा

झारखंड के खूंटी ज़िले के अनिगड़ा में हुई झड़प. पत्थलगड़ी आंदोलन रोकने और इसके नेता यूसुफ पूर्ति को गिरफ़्तार करने जा रही थी पुलिस. आंदोलन से जुड़े नेता यूसुफ पूर्ति का घर कुर्क.

पत्थलगड़ी आंदोलन के बाद झारखंड में आदिवासियों ने शुरू किया अपना बैंक

झारखंड के खूंटी ज़िले के उदबुरु गांव में ‘बैंक आॅफ ग्रामसभा’ का शिलान्यास कर 100 ग्रामीणों का खाता खोला गया. गृह विभाग के प्रधान सचिव ने बैंक को ग़ैरक़ानूनी बताया.

पत्थलगड़ी आंदोलन से भाजपा सरकारें क्यों डरी हुई हैं?

पत्थलगड़ी आंदोलन के रूप में जनता द्वारा अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रभावी इस्तेमाल ने कई ऐसे सवाल उठाए हैं, जिनका जवाब देना सरकारों के लिए मुश्किल हो गया है.

पत्थलगड़ी आंदोलन का उभार राजभवनों की निष्क्रियता का परिणाम है

कुछेक अपवाद छोड़ दिए जाएं तो संविधान लागू होने के बाद से आज तक किसी भी राज्य के राज्यपाल ने पांचवीं अनुसूची के तहत मिले अपने अधिकारों और दायित्वों का निर्वहन आदिवासियों के पक्ष में करने में कोई रुचि नहीं दिखाई है.

छत्तीसगढ़ में पत्थलगड़ी आंदोलन के पीछे धर्मांतरण कराने वाली ताक़तें: मुख्यमंत्री रमन सिंह

सर्व आदिवासी समाज ने कहा कि आदिवासियों की ज़मीनों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. ऐसे में उनका अपने हक़ के लिए लड़ना स्वभाविक है. कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश सरकार आदिवासियों की समस्याओं को समझ नहीं पा रही है.

क्यों झारखंड में आदिवासी ‘पत्थलगड़ी’ आंदोलन कर रहे हैं?

ग्राउंड रिपोर्ट: झारखंड के कई आदिवासी इलाकों में इन दिनों पत्थलगड़ी की मुहिम छिड़ी है. ग्रामसभाओं में आदिवासी गोलबंद हो रहे हैं और पत्थलगड़ी के माध्यम से स्वशासन की मांग कर रहे हैं.