पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमित जीवित व्यक्ति को मृत बताने के मामले में हेल्थ मैनेजर को बर्ख़ास्त कर दिया गया है. वहीं दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक कोविड-19 मरीज का शव शौचालय में मिलने के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ और हंगामा किया.
बिहार के भोजपुर ज़िले से आने वाले वशिष्ठ नारायण सिंह लंबे समय से सिजोफ्रेनिया से पीड़ित थे. उन्होंने 1969 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से गणित में पीएचडी की थी और कुछ समय के लिए नासा में भी काम किया था.
मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के एक बालिका गृह से पिछले माह यौन उत्पीड़न की शिकार 50 बच्चियों को आज़ाद कराया गया था. पूछताछ में पता चला कि स्टाफ के साथ असहमति जताने पर एक बच्ची को मारकर ज़मीन में गाड़ दिया गया था. पुलिस ने आश्रय गृह की खुदाई शुरू की है.