झारखंड जनाधिकार महासभा की ओर से कहा गया है कि खूंटी ज़िले में पत्थलगड़ी आंदोलन से संबंधित दर्ज 5 केस अब तक वापस नहीं लिए गए हैं. इनमें से एक मामला दिवंगत फादर स्टेन स्वामी 20 सामाजिक कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों से भी संबंधित है. संगठन ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार ने इन मामलों को वापस लेने की मांग की.
बीते जनवरी में राज्य में हुई सात लोगों की हत्या को पुलिस और सीआरपीएफ ने पत्थलगड़ी से जुड़ा बताया था, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि यह एक नए पंथ सती पति से जुड़े लोगों द्वारा सरकारी योजनाओं का लाभ न लेने, आदिवासी परंपराओं को न मानने देने, कागज़ात जमा करने के विरोध में हुए मतभेदों का नतीजा है.
नया यूएपीए क़ानून सरकार को अभूतपूर्व शक्तियां देने वाला है, जो उसकी ताक़त के साथ ही उसकी जवाबदेही भी बढ़ाता है.
झारखंड में ईसाई संगठन और चर्च राज्य सरकार के रवैये पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. जबकि कुछ घटनाओं को केंद्र में रखकर भाजपा तथा आरएसएस-विहिप भी मिशनरी संस्थाओं पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है.
पत्थलगड़ी मामले में झारखंड पुलिस ने विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन के संस्थापक फादर स्टेन स्वामी और कांग्रेस के पूर्व विधायक थियोडोर किड़ो पर राजद्रोह का मामला दर्ज करते हुए आरोप लगाया कि ये लोग ग्रामीणों को गुमराह करके देश विरोधी गतिविधियों के लिए बाध्य कर रहे हैं.
झारखंड के खूंटी ज़िले के घाघरा में गत 27 जून को पत्थलगड़ी के दौरान हुई झड़प में आदिवासी बिरसा मुंडा की मौत हो गई थी. इसके बाद भाजपा सांसद करिया मुंडा के तीन सुरक्षाकर्मियों का अपहरण पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा कर लिया गया था.
झारखंड के खूंटी ज़िले के कोचांग गांव में पिछले दिनों मानव तस्करी के ख़िलाफ़ जागरूकता फैलाने गईं पांच युवतियों को अगवाकर गैंगरेप किया गया था.
झारखंड के खूंटी ज़िले के अनिगड़ा में हुई झड़प. पत्थलगड़ी आंदोलन रोकने और इसके नेता यूसुफ पूर्ति को गिरफ़्तार करने जा रही थी पुलिस. आंदोलन से जुड़े नेता यूसुफ पूर्ति का घर कुर्क.
पत्थलगड़ी आंदोलन के रूप में जनता द्वारा अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रभावी इस्तेमाल ने कई ऐसे सवाल उठाए हैं, जिनका जवाब देना सरकारों के लिए मुश्किल हो गया है.
कुछेक अपवाद छोड़ दिए जाएं तो संविधान लागू होने के बाद से आज तक किसी भी राज्य के राज्यपाल ने पांचवीं अनुसूची के तहत मिले अपने अधिकारों और दायित्वों का निर्वहन आदिवासियों के पक्ष में करने में कोई रुचि नहीं दिखाई है.
ग्राउंड रिपोर्ट: झारखंड के कई आदिवासी इलाकों में इन दिनों पत्थलगड़ी की मुहिम छिड़ी है. ग्रामसभाओं में आदिवासी गोलबंद हो रहे हैं और पत्थलगड़ी के माध्यम से स्वशासन की मांग कर रहे हैं.