सुदर्शन न्यूज़ के सुरेश चव्हाणके ने यह नया विवाद तब खड़ा किया, जब हफ्ते भर पहले सोशल मीडिया पर 10 उम्मीदवारों की एक सूची वायरल हुई. सूची में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के नाम थे, जिन्हें पवन हंस लिमिटेड कंपनी के प्रशिक्षु कार्यक्रम के लिए चुना गया था. ये सभी मुस्लिम हैं. चैनल का आरोप है कि सरकारी उपक्रमों द्वारा हिंदुओं को नौकरियों से वंचित किया जा रहा है.
हेलीकॉप्टर सेवा देने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पवन हंस के प्रबंधन ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-2019 में कंपनी की आर्थिक हालत काफी ख़राब हो गई है और कंपनी 89 करोड़ रुपये का घाटा झेल रही है.