जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में बीते 21 दिसंबर को आतंकी हमले में 4 जवानों की मौत के बाद सेना ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया था. बाद में इनमें से 3 लोगों के शव मिले थे. पीडीपी नेताओं ने कहा कि मुफ्ती को पार्टी के अन्य सहयोगियों को पुलिस ने पीड़ितों के परिवारों से मिलने के लिए टोपा पीर गांव की ओर जाने की अनुमति नहीं दी.
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के जदूरा गांव के लोगों का आरोप था कि 23-24 जून की दरमियानी रात सेना के कुछ जवानों ने मस्जिद में घुसकर मुअज़्ज़िन समेत नमाज़ियों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया. अब ख़ुद को घटना का चश्मदीद बताने वाले एक शख़्स ने द टेलीग्राफ से कहा कि रविवार को सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने ग्रामीणों से माफ़ी मांगी है.
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के जदूरा गांव के लोगों ने आरोप लगाया है कि शनिवार को सेना के जवान एक स्थानीय मस्जिद में घुस गए और लोगों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया. जम्मू कश्मीर के विभिन्न नेताओं ने घटना की जांच करने और दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि हमारे हज़ारों युवा जेलों में हैं, धार्मिक विद्वानों के यहां छापा डाला जाता है. सरकार दावा करती रहती है कि जम्मू कश्मीर में स्थिति सुधर गई है. अगर स्थिति सुधर गई होती तो इतने अधिक मानवाधिकार उल्लंघन नहीं होते.