विनोद कुमार शुक्‍ल ने साहित्‍य का जो घर बनाया है, वह रोशनी में दिप रहा है…

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: विनोद जी की आधुनिकता रोज़मर्रा के निम्‍न-मध्‍यवर्गीय जीवन में रसी-बसी रही है. उनके यहां जो स्‍थानीयता आकार पाती है वह मानवीय उपस्थिति, मानवीय विडंबना और मानवीय ऊष्‍मा की एक त्रयी को चरितार्थ, उत्‍कट और सघन करती है.

कवि और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल को मिलेगा प्रतिष्ठित पेन/नाबोकोव पुरस्कार

छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव में 1937 में जन्मे विनोद कुमार शुक्ल को उनकी विशिष्ट लेखन शैली के लिए पहचाना जाता है. पुरस्कार समारोह 2 मार्च को न्यूयॉर्क में आयोजित किया जाएगा.