देश भर में पांच करोड़ से अधिक लंबित प्रकरण: चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के सामने प्रमुख चुनौती

सुप्रीम कोर्ट के प्रत्येक जज पर 2,575 केस, उच्च अदालत के हर जज पर 8,008 केस और निचली अदालतों के प्रति जज पर 2,218 केस की सुनवाई की ज़िम्मेदारी है. इस तरह देश प्रत्येक जज की डेस्क पर 2,427 प्रकरण लंबित पड़े हैं.

‘भगवान भरोसे’ न्यायपालिका: पांच करोड़ मामले लंबित और जज केवल 20 हज़ार

सक्षम और स्वस्थ न्यायपालिका की अहम शर्तें हैं, केसों की सुनवाई के लिए पर्याप्त जजों और उनके सहयोगी स्टाफ का होना और इसके लिए आवश्यक ढांचागत सुविधाएं होना. फिलहाल हमारी न्यायपालिका दोनों ही मोर्चों पर संघर्ष कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ने के बावजूद लंबित मामले अब तक के उच्चतम स्तर 83,000 पर पहुंचे

वर्ष 2009 में सुप्रीम कोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 26 से बढ़ाकर 31 की गई थी, इसके बावजूद 2013 तक लंबित मामलों की संख्या 50,000 से बढ़कर 66,000 हो गई. इसके बाद, 2019 में जजों की संख्या बढ़ाकर 34 कर दी गई थी. वर्तमान में लंबित मामलों की संख्या 82,831 है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एमपी/एमएलए अदालतों से कहा- बिना बाध्यकारी कारणों के सुनवाई स्थगित न करें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संसद और विधायकों के ख़िलाफ़ लंबित आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटान से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रधान ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश इन विशेष अदालतों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुविधा सुनिश्चित करेंगे और इन्हें ऐसी तकनीक अपनाने के लिए भी सक्षम बनाएंगे, जो प्रभावी कामकाज के लिए व्यवहारिक हो.

उच्च न्यायालयों में 30 वर्षों से अधिक समय से 71,000 से अधिक मामले लंबित

लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि इस साल 24 जुलाई तक ज़िला और अधीनस्थ अदालतों में 1,01,837 मामले 30 वर्षों से अधिक समय से लंबित थे. इससे पहले उन्होंने राज्यसभा में बताया था कि देश की विभिन्न अदालतों में लंबित मामले पांच करोड़ का आंकड़ा पार कर गए हैं.

विभिन्न अदालतों में केंद्र से जुड़े 6.36 लाख से अधिक मामले लंबित: सरकार

केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने संसद में बताया कि केंद्र सरकार से जुड़े कुल लंबित मामलों की संख्या 6,36,605 है. इसमें से अकेले वित्त मंत्रालय 1,79,464 मुक़दमों में शामिल है. इन मुक़दमों पर वर्ष 2022-23 में 54.35 करोड़ रुपये ख़र्च किया गया था.

सांसदों-विधायकों के ख़िलाफ़ 5,097 लंबित आपराधिक मामलों की दैनिक आधार पर सुनवाई की सिफ़ारिश

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष एमिकस क्यूरी विजय हंसारिया ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि सांसदों और विधायकों ​के ख़िलाफ़ लंबित 5,097 मामलों में से 40 फ़ीसदी से अधिक (2,122 मामले) पांच साल से अधिक समय से लंबित हैं.

कॉलेजियम प्रणाली संपूर्ण नहीं है, लेकिन उपलब्ध सबसे अच्छी व्यवस्था है: सीजेआई चंद्रचूड़

एक कार्यक्रम में भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली पर अभी उपलब्ध सबसे अच्छी व्यवस्था है. इस प्रणाली का उद्देश्य आज़ादी को बनाए रखना था, जो कि एक प्रमुख मूल्य है. पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने भी शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए इसे ‘आदर्श प्रणाली’ बताया.

सुप्रीम कोर्ट में 69,000 से अधिक व उच्च न्यायालयों में क़रीब 60 लाख मामले लंबित

क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बताया कि एक फरवरी, 2023 को राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार देश भर के उच्च न्यायालयों में 59,87,477 मामले लंबित हैं. इनमें से 10.30 लाख मामले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लंबित हैं. सिक्किम हाईकोर्ट में सबसे कम 171 मामले हैं.

ज़िला और निचली अदालतों में 20 साल से अधिक समय से क़रीब 6.72 लाख मामले लंबित: किरेन रिजिजू

क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में बताया कि देशभर की विभिन्न अदालतों में चार लाख से अधिक ऐसे मामले है, जो 25 वर्षों से भी अधिक समय से लंबित हैं. राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के अनुसार उच्च न्यायालय और ज़िला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में 25 वर्षों से अधिक समय से लंबित वादों की संख्या क्रमशः 1,24,810 और 2,76,208 है.

वकीलों की कमी के चलते निचली अदालतों में 63 लाख मामले लंबित: राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड

राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के आंकड़े बताते हैं कि देश की निचली अदालतों में लंबित चार करोड़ से अधिक मामलों में से लगभग 63 लाख मामले इस लिए लंबित हैं क्योंकि वकील ही उपलब्ध नहीं हैं. उत्तर प्रदेश में इस कारण सबसे अधिक मामले लंबित हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ दर्ज मामले यूपी के बाहर भेजने से इनकार किया

आज़म ख़ान ने अपने ख़िलाफ़ लंबित आपराधिक मामलों को कथित उत्पीड़न के आधार पर उत्तर प्रदेश के बाहर ट्रांसफर करने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया है कि यूपी पुलिस द्वारा सैकड़ों एफ़आईआर दर्ज कर उन्हें ‘परेशान’ किया जा रहा है. निचली अदालत उनके द्वारा उठाई गईं आपत्तियों पर विचार किए बिना मामले में आगे बढ़ रही है.

वकीलों की अनुपलब्धता के कारण 63 लाख मामलों में देरी हुई: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

एक कार्यक्रम के दौरान प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जेल नहीं बल्कि ज़मानत आपराधिक न्याय प्रणाली के सबसे मौलिक नियमों में से एक है. फिर भी व्यवहार में भारत में जेलों में बंद विचाराधीन क़ैदियों की संख्या एक विरोधाभासी तथा स्वतंत्रता से वंचित करने की स्थिति को दर्शाती है.

लंबित केस अधिक, ज़मानत व बेतुकी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई न करे सुप्रीम कोर्ट: क़ानून मंत्री

केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक विधेयक पेश करने के दौरान सुप्रीम कोर्ट को सुझाव देते हुए कहा कि वह उन्हीं मामलों पर सुनवाई करे जो प्रासंगिक हैं. विपक्ष ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार न्यायपालिका को मैनेज करने मंशा रखती है.

हमारी अपराध न्याय प्रणाली स्वयं एक सज़ा हो सकती है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट 13 साल पुराने एक मामले पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें पंजाब के एक छात्र को आत्महत्या के लिए उकसाने को लेकर तीन लोगों के ख़िलाफ़ आरोप तय किए गए थे. आरोपियों को बरी करते हुए कोर्ट ने कहा कि हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली स्वयं एक सज़ा हो सकती है, इस मामले में वास्तव में ऐसा ही हुआ है.

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