प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के हलफ़नामे का अवलोकन करेगी.
जन गण मन की बात की 55वीं कड़ी में विनोद दुआ तीन तलाक़ और बेरोज़गारी के संकट पर चर्चा पर कर रहे हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बोर्ड को पक्ष रखते हुए तीन तलाक़ को हिंदू धर्म की उस मान्यता के समान बताया जिसमें माना जाता है कि भगवान राम अयोध्या में जन्मे थे.
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सामने दूसरे दिन तीन तलाक़ मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कहा कि तीन तलाक़ संविधान में दिए गए समानता के अधिकार के ख़िलाफ़ होने के कारण असंवैधानिक है.
प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की एक पीठ ने कहा कि वह इस पहलू की समीक्षा करेगी कि तीन तलाक़ मुसलमानों के लिए मौलिक अधिकार है या नहीं.
दहेज उत्पीड़न के एक फैसले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि पर्सनल लॉ के नाम पर महिलाओं के मूल अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता.