दिल्ली हाईकोर्ट कोविड-19 की वजह से देशभर के सर्कसों में फंसे जानवरों की सुरक्षा के लिए पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स और फेडरेशन ऑफ इंडियन एनिमल्स प्रोटेक्शन ऑर्गनाइजेशन द्वारा दायर दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. हाईकोर्ट ने भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड अगली सुनवाई पर देशभर के सर्कसों में रखे गए सभी जानवरों की जानकारी का खुलासा करते हुए एक हलफ़नामा दायर करने को कहा है.
पशु अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पीपुल्स फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) द्वारा दुग्ध उत्पादक कंपनी अमूल को वीगन मिल्क यानी पौधों से बनाए जाने वाले दूध के उत्पादन पर विचार करने का सुझाव दिया गया है. अमूल की ओर से कहा गया है कि पेटा भारतीय डेयरी उद्योग की छवि को धूमिल कर 10 करोड़ लोगों की आजीविका को बर्बाद करने का प्रयास कर रहा है.
उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में अवैध बूचड़खानों के ख़िलाफ़ मुहिम शुरू किए जाने के बीच आरटीआई से पता चला है कि देश में केवल 1,707 बूचड़खाने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत हैं.