इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, असम और मणिपुर के प्रमुख समाचार.
देश के ज़्यादातर हिस्सों में पेट्रोल पहले ही सौ रुपये प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर चुका है. वहीं, क़रीब एक दर्जन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में डीज़ल सौ के पार जा चुका है. सितंबर के आखिरी सप्ताह में वाहन ईंधन कीमतों में तीन सप्ताह के बाद संशोधन का सिलसिला फिर शुरू हुआ था. उसके बाद से यह पेट्रोल में 15वीं वृद्धि है. इस दौरान डीज़ल के दाम 18 बार बढ़ाए गए हैं.
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि ईंधन की कीमतें अधिक नहीं हैं, इसमें टैक्स शामिल है. फ्री वैक्सीन तो आपने ली होगी, पैसा कहां से आएगा? आपने पैसे का भुगतान नहीं किया है, इसे इस तरह से एकत्र किया गया है.
दो महीनों से कम समय में रसोई गैस की क़ीमत में यह चौथी वृद्धि है. जुलाई से अब तक 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर के दाम में कुल 90 रुपये बढ़ाए गए हैं. इसके अलावा लगभग तीन हफ्ते के ठहराव के बाद ईंधन की क़ीमतों में सातवीं बार हुई वृद्धि के साथ देश के ज़्यादातर बड़े शहरों में पेट्रोल सौ रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया है.
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने 24 सितंबर से वाहन ईंधन कीमतों में फिर से संशोधन का सिलसिला शुरू किया है. 24 सितंबर से आठ बार में डीज़ल 2.15 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. वहीं बीते सात दिनों में पांच किस्तों में पेट्रोल के दाम 1.25 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं.
वीडियो: भारत की जनता महंगाई की मार झेल रही है. पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. इस साल जनवरी से सितंबर तक रसोई गैस के दाम 190 रुपये तक बढ़ गए, वहीं पेट्रोल के दाम 100 के पार भी गए. इस बीच भाजपा के नेताओं और मंत्रियों के अजब-गजब बयान आते रहे. सरकार में आने से पहले और बाद में भाजपा मंत्रियों और नेताओं के बयानों को सुना जाना चाहिए.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि पेट्रोल (अनब्रांडेड) पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 32.90 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीज़ल (अनब्रांडेड) पर यह 31.80 रुपये प्रति लीटर है. बीते 19 जुलाई को केंद्र सरकार ने बताया था कि वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल-डीज़ल पर केंद्र की ओर से लगाए जाने वाले उत्पाद शुल्क के ज़रिये राजस्व का संग्रह 88 प्रतिशत बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गया.
वीडियो: ख़बरों के लिहाज़ से ये हफ़्ता बेहद रोचक रहा. भारत में पत्रकारों, नेताओं, उद्योगपतियों, कार्यकर्ताओं और न्यायाधीशों की फ़ोन की जासूसी की बात सामने आ रही है. पेट्रोल के बढ़ते दामों के बीच यूपी चुनाव की तैयारी भी होनी है तो उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण क़ानून का मसौदा पेश किया गया है. इस सब घमासान के बीच पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे और योगी के कोविड मैनेजमेंट की तारीफ़ कर डाली है.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में कहा कि पिछले वित्त वर्ष में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को 19.98 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 32.9 रुपये, जबकि डीज़ल पर इसे 15.83 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 31.8 रुपये कर दिया गया था, जिससे उत्पाद शुल्क का संग्रह बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इससे एक साल पहले 1.78 लाख करोड़ रुपये था.
वीडियो: देश में आपको एक तरफ़ मुफ़्त वैक्सीन मिल रही है और दूसरी तरफ सरकारें आपकी जेब से पेट्रोल-डीज़ल के नाम पर पैसा निकलवा रही हैं. क्या फ्री वैक्सीन के पीछे का कारण पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दाम है, बता रहे प्रोफ़ेसर अरुण कुमार.
चार मई के बाद से पेट्रोल के दाम 35 बार और डीज़ल के 33 बार बढ़ाए गए हैं. इस दौरान पेट्रोल 9.46 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 8.63 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी को पत्र लिखकर पेट्रोल और डीज़ल पर कर घटाने का आग्रह किया. वहीं, केरल के कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने केंद्र से कहा कि रोजाना ईंधन के दाम बढ़ाकर नागरिकों को प्रताड़ित करना बंद करे.
एक जुलाई से देश में एलपीजी सिलेंडर के दामों में 25.50 रुपये की बढ़ोतरी लागू हो गई. बीते छह महीने में एलपीजी के दाम में 140 रुपये की वृद्धि हुई है. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इसके लिए केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि महामारी के संकट के बीच पेट्रोल-डीज़ल और रसोई गैस की क़ीमतों का बढ़ना सरकार की उदासीनता को दिखाता है.
पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में रविवार को फिर वृद्धि हुई है. बीते सात सप्ताह में वाहन ईंधन के दामों में हुई यह 27वीं बढ़ोतरी है, जिसके बाद देश में पेट्रोल और डीज़ल के दाम ऐतिहासिक उच्चस्तर पर पहुंच गए हैं.
बीते चार मई के बाद से पेट्रोल तथा डीज़ल के दामों में 23 बार वृद्धि की गई है. इस वजह से पिछले क़रीब छह सप्ताह से कम समय में पेट्रोल 5.72 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 6.25 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई और अन्य विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल तथा डीज़ल पर करों से अतिरिक्त पैसे की ज़रूरत है.
चार मई के बाद पेट्रोलियम उत्पादों के दामों में 23 बार वृद्धि हो चुकी है और सात राज्यों में पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुकी है. शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल एवं डीज़ल के दामों में वृद्धि के विरोध में दिल्ली समेत कई राज्यों में विभिन्न पेट्रोल पंपों के पास सांकेतिक प्रदर्शन किया था.