बीते एक अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने किशोरों के ख़िलाफ़ एक साल से अधिक समय से लंबित मामले तत्काल प्रभाव से ख़त्म करने का आदेश दिया था. इस पर कोई क़दम न उठाने जाने पर दिल्ली सरकार को फटकारते हुए कोर्ट ने कहा कि बच्चों व किशोरों को इंतज़ार नहीं कराया जा सकता.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही अधिकांश बच्चों को पुलिस ने पकड़ा नहीं है या पकड़े जाने पर तुरंत उनके माता-पिता को सौंप दिया जाता है, लेकिन मामला कलंकित करने वाला है और बच्चे की गरिमा को प्रभावित करता है. इसलिए इस स्थिति को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.