गोवा में कुछ फार्मा कंपनियों द्वारा अपनी मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों के लिए दूसरे राज्यों से भर्ती पर विपक्ष के कड़े विरोध के बाद श्रम मंत्री अटानासियो मोनसेरेट ने कहा कि राज्य के बाहर नियुक्ति विज्ञापन जारी करने के संबंध में दो दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. ऐसे भर्ती विज्ञापन जारी करने से पहले कंपनियों को देखना चाहिए कि गोवा में उपयुक्त कार्यबल उपलब्ध है या नहीं.
चुनावी बॉन्ड के ज़रिये राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों की लिस्ट में कई फार्मा कंपनियों के नाम भी शामिल थे. इनमें से कई कंपनियों की दवाइयां ड्रग टेस्ट में कइयों बार फेल हुई थीं.
वीडियो: बीते सालों में भारतीय दवाओं की गुणवत्ता पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठे हैं. देश में भी दूषित या मिलावटी दवा के चलते मौत की घटनाएं देखी गई हैं. ऐसे में सरकार दवाओं के विनियमन और इनकी मानक गुणवत्ता बनाए रखने के लिए क्या करती है? कैसे काम करता है भारत का ड्रग रेगुलेशन सिस्टम?
वीडियो: देश में स्वास्थ्य तक पहुंच एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन जो चीज़ इसे सुनिश्चित करती हैं, वह स्वास्थ्य देखभाल को विनियमित करने वाले विभिन्न अधिकार और कानून हैं. ‘सवाल सेहत का’ की इस कड़ी में ऐसे ही क़ानूनों के बारे में जानकारी दी गई है, जो या तो अस्तित्व में नहीं हैं या अगर मौजूद हैं, तो उन्हें ठीक से लागू नहीं किया जाता है.
नेपाल के औषधि प्रशासन विभाग ने एक नोटिस में नेपाल में इन दवाओं की आपूर्ति करने वाले स्थानीय एजेंट को उत्पादों को तुरंत वापस लेने को कहा है. विभाग ने एक अन्य नोटिस में वितरकों को भारत की कंपनी ग्लोबल हेल्थकेयर द्वारा निर्मित 500 मिलीलीटर और 5 लीटर हैंड सैनिटाइज़र को भी वापस लेने का निर्देश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट फार्मा कंपनियों के कथित अनैतिक व्यवहारों पर अंकुश लगाने और एक प्रभावी निगरानी तंत्र के लिए समान कोड बनाने की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जहां फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने बताया कि मरीज़ों को डोलो 650 लिखने के लिए इसकी निर्माता कंपनी ने डॉक्टरों को हज़ार करोड़ रुपये के तोहफे दिए हैं.
फार्मा कंपनियों द्वारा मनुष्यों पर ड्रग ट्रायल के ख़िलाफ़ दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि देश में अनेक राज्यों में दवा कंपनियां मनमाने तरीके से दवाओं के परीक्षण कर रही हैं, जिनमें अनेक मौतें हो चुकी हैं.
फोर्ब्स ने जारी की अमीरों की सूची, मुकेश अंबानी लगातार दसवें साल सबसे अमीर, फोर्ब्स ने कहा आर्थिक प्रयोगों का अरबपतियों पर नाममात्र का असर.