याचिका में कहा गया है कि चूंकि पीएम केयर्स फंड की कार्यप्रणाली अपारदर्शी है और इसे आरटीआई एक्ट के दायरे से भी बाहर रखा गया है, इसलिए इसमें प्राप्त धनराशि को एनडीआरएफ में ट्रांसफर किया जाए, जिस पर आरटीआई एक्ट भी लागू है और इसकी ऑडिटिंग कैग करता है.
प्रधानमंत्री कार्यालय की बेवसाइट में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड का वित्तीय वर्ष के अंत में एक ऑडिट किया जाएगा और यह 27 मार्च, 2020 को नई दिल्ली में एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत किया गया था.
दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रधानमंत्री कार्यालय के उस जवाब को चुनौती दी गई है, जिसमें उसने कहा था कि पीएम केयर्स फंड आरटीआई एक्ट के तहत पब्लिक अथॉरिटी नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मार्च को पीएम केयर्स फंड का गठन किया था. इस कोष से जुड़ी जानकारी देने के लिए कई आरटीआई आवेदन किए गए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा लगातार जानकारी देने से इनकार किया जा रहा है.
पीएम केयर्स फंड में प्राप्त हुई राशि और इसके ख़र्च का विवरण सार्वजनिक करने से मना करने के बाद अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने फंड में अनुदान को कर मुक्त करने और इसे सीएसआर ख़र्च मानने के संबंध में दस्तावेज़ों का खुलासा करने से मना कर दिया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पीएम केयर्स फंड के संबंध में सूचनाएं सार्वजनिक करने और इसका कैग से ऑडिट कराने की मांग की गई है. केंद्र की ओर से दलील दी गई है कि ये याचिका ख़ारिज कर दी जानी चाहिए, क्योंकि ऐसी ही एक याचिका को अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी थी.
आरटीआई के तहत पीएम केयर्स फंड से जुड़े पत्राचार की प्रति, फंड में प्राप्त हुए कुल अनुदान, इस फंड से खर्च की गई राशि और उन कार्यों का विवरण जिसमें पैसे खर्च किए गए हैं, ये सभी सूचनाएं मांगी गई थीं. पीएमओ ने कहा कि ये जानकारी नहीं दी सकती क्योंकि पीएम केयर्स आरटीआई एक्ट के तहत पब्लिक अथॉरिटी नहीं है.
द वायर ने पीएम केयर्स खाते में प्राप्त कुल अनुदान, खाते से निकाली गई राशि, अनुदान प्राप्ति और पैसा निकासी के संबंध में पीएमओ के साथ पत्राचार और पीएम केयर्स खाता को बनाने से जुड़े दस्तावेजों को मुहैया कराने की मांग की थी.
गुजरात सरकार द्वारा जिस कंपनी के 'दस दिनों' में कोविड मरीज़ों के लिए वेंटिलेटर्स बनाने का दावा किया गया था, जिन्हें राज्य के डॉक्टरों में मानकों पर खरा न उतरने की बात कही थी, उस कंपनी के प्रमोटर्स उसी उद्योगपति परिवार से जुड़े हैं, जिन्होंने साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका नाम लिखा सूट तोहफ़े में दिया था.
कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले वकील ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट के माध्यम से लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने का प्रयास किया. हरियाणा से कांग्रेस नेता पंकज पूनिया को भी एक कथित आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के चलते गिरफ्तार किया गया है.
कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा कस्बे के निकट विरोध प्रदर्शन किया.
पीएमओ ने लॉकडाउन लागू करने के फैसले, इसे लेकर हुई उच्चस्तरीय मीटिंग, इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री कार्यालय के बीच हुए पत्राचार और नागरिकों की टेस्टिंग से जुड़ीं फाइलों को भी सार्वजनिक करने से मना कर दिया है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि आयकर विभाग के उन 50 आईआरएस अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की जा रही है, जिन्होंने कोविड-19 से जुड़े राहत उपायों के लिए राजस्व जुटाने पर एक अवांछित रिपोर्ट तैयार की है और इसे बिना अनुमति के सार्वजनिक भी कर दिया.
सूत्रों ने कहा है कि चूंकि इस फंड में व्यक्तियों एवं संस्थाओं द्वारा पैसा जमा किया जाता है इसलिए कैग को चैरिटेबल संस्था को ऑडिट करने का अधिकार नहीं है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि कुलपति योगेश त्यागी ने यूनिवर्सिटी के स्टाफ द्वारा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के लिए दिए गए करीब चार करोड़ रुपये बिना किसी की सलाह के पीएम केयर्स फंड में ट्रांसफर किए हैं.