प्रधानमंत्री की ख़ासियत है कि जब-जब वे अप्रिय स्थिति में पड़ते हैं किसी न किसी तरह उनकी जान को ख़तरा पैदा हो जाता है. जब से वे मुख्यमंत्री हुए तब से अब तक कुछ समय के बाद उनकी हत्या की साज़िश की कहानी कही जाने लगती है. लोग गिरफ़्तार किए जाते हैं, पर कुछ साबित नहीं होता. फिर एक रोज़ नए ख़तरे की कहानी सामने आ जाती है.
पंजाब के फ़िरोज़पुर में पांच जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में कथित चूक को लेकर भाजपा का आरोप है कि यह उनकी हत्या की साजिश थी. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी वीडियो दिखाता है कि किसान वास्तव में प्रधानमंत्री के काफिले के रुकने की जगह से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर थे.
सुरक्षा में चूक को लेकर ख़ुद प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी जिस तरह उसी क्षण से इस घटना को सनसनीखेज़ बनाकर राजनीतिक लाभ उठाने में लग गए हैं, उससे ज़ाहिर है कि वे घटना की गंभीरता को लेकर कम और उससे मुमकिन चुनावी फायदे के बारे में ज़्यादा गंभीर हैं.
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई है. इस सवाल को रैली में कितने लोग आए, कितने नहीं आए इसे लेकर ज़्यादा बहस की ज़रूरत नहीं. सुरक्षा इंतज़ामों में पंजाब सरकार की भूमिका हो सकती है लेकिन यह एसपीजी के अधीन होती है. प्रधानमंत्री कहां जाएंगे और उनके बगल में कौन बैठेगा यह सब एसपीजी तय करती है. इसलिए सबसे पहले कार्रवाई केंद्र सरकार की तरफ से होनी चाहिए.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में अरुणाचल प्रदेश, मिज़ोरम, असम, नगालैंड, मणिपुर और त्रिपुरा के प्रमुख समाचार.
जलगांव ज़िले के यवल रोड में दुर्घटना रविवार देर रात हुई, जहां फल से भरे एक ट्रक में इक्कीस मज़दूर भी सवार थे. बताया जा रहा है कि सड़क पर गड्ढों की वजह से ट्रक ने नियंत्रण खो दिया और पलट गया.
अहमदाबाद के एक निजी स्कूल द्वारा पांचवी से दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नागरिकता संशोधन क़ानून पर बधाई और समर्थन देने के लिए पोस्टकार्ड लिखने को कहा गया था. अभिभावकों के इसका विरोध करने के बाद स्कूल प्रशासन ने माफ़ी मांगते हुए बच्चों द्वारा लिखे पोस्टकार्ड वापस कर दिए.
अरुंधति रॉय ने 25 दिसंबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी में एनपीआर को लेकर कहा था कि यह भी एनआरसी का ही हिस्सा है. जब सरकारी मुलाज़िम एनपीआर के लिए जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम रंगा-बिल्ला बता दें और अपने घर का पता देने के बजाय प्रधानमंत्री आवास का पता लिखवा दें.
शिवसेना के कथित समर्थकों ने बीते 22 दिसंबर को मुंबई के वडाला ट्रक टर्मिनस स्थित एक व्यक्ति की उसके घर पर पिटाई की थी और जबरन उन्हें गंजा कर दिया था. घटना का वीडियो उपलब्ध होने के बावजूद अब तक पुलिस किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से करते हुए कहा कि यह समाज में अशांति का माहौल बनाने का सोचा-समझा प्रयास है. मेरा प्रधानमंत्री से विनम्र अनुरोध है कि वे जो छात्रों के साथ कर रहे हैं वह न करें.
बुलेट ट्रेन परियोजना को उन किसानों और आदिवासियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है जिनकी भूमि अधिग्रहित की जानी है.
वीडियो: मोदी सरकार के 100 दिन की उपलब्धि और नाकामी पर चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
मैं प्रधानमंत्री के समर्थन में पत्र लिखने वाले 62 दिग्गजों का दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा. ये अगर चाहते तो देश की छवि खराब करने वाले उन 49 लोगों की लिंचिंग भी कर सकते थे. मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, बजाय इसके चिट्ठी लिखकर उन्होंने देश के बाकी लट्ठधारी राष्ट्रवादियों के सामने बहुत बड़ा आदर्श पेश किया है.
पुलवामा हमले के एक हफ्ते बाद 21 फरवरी को कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि जब पूरा देश पुलवामा हमले में जान गंवाने वाले जवानों को लेकर शोक मना रहा था उस समय प्रधानमंत्री जिम कॉर्बेट पार्क में शाम को एक फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर यह आरोप लगा था कि जिस समय यह हमला हुआ, तब वे जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में शूटिंग कर रहे थे.