प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेसी मित्र यह कहते हैं कि जीएसटी की केवल एक दर होनी चाहिए, उनके कहने का मतलब है कि वे खाद्य पदार्थों और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं पर 18 प्रतिशत की दर से कर लगाना चाहते हैं.
गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और पलवल को जोड़ने वाले 135 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे का उद्घाटन 20 अप्रैल तक किया जाना था. शीर्ष अदालत ने कहा इसे अब तक जनता के लिए न खोला जाना आश्चर्यजनक है.
तुमकुर में हुई एक रैली में नरेंद्र मोदी ने देवगौड़ा की तारीफ़ तो की लेकिन कहा कि जनता उन पर वोट बर्बाद न करें. शायद भाजपा को इस बात का डर है कि राज्य में एंटी-इंकम्बेंसी का फायदा कहीं जेडीएस को न मिल जाए, इसलिए वे उसकी कांग्रेस से नज़दीकी बताने में लगी हुई है.
कर्नाटक चुनाव के समय वहां के मीडिया में राज्य के सत्ता पक्ष और केंद्र के सत्ता पक्ष के बीच कैसा संतुलन है, इसकी समीक्षा रोज़ होनी चाहिए थी. चुनाव आयोग कब सीखेगा कि मीडिया कवरेज और बयानों पर कार्रवाई करने और नज़र रखने का काम चुनाव के दौरान होना चाहिए न कि चुनाव बीत जाने के तीन साल बाद.
कर्नाटक की बाज़ी अगर हाथ से छूटी तो इससे पैदा माहौल से राजस्थान व मध्यप्रदेश जैसे मुश्किल राज्यों में भाजपा के लिए अपनी सरकारें बचा पाना मुश्किल होगा. अगर राज्यों में सरकारें गिरने का सिलसिला आगे बढ़ा तो 2019 में मोदी अकेले दम पर हालात बेकाबू होने से नहीं बचा पाएंगे.
आम चुनाव अब नज़दीक हैं, ऐसे में भाजपा के अंदर से ही उठ रहे दलित सांसदों के विरोध के स्वर पार्टी नेतृत्व के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं.
उत्तर प्रदेश के नगीना क्षेत्र से भाजपा के दलित सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि अदालतों में दलित समाज का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, जिस कारण अदालतें उनके अधिकारों को ख़त्म कर रही हैं.
धनबाद में दामोदर घाटी निगम द्वारा कथित तौर पर विस्थापन के एवज में नौकरी में न मिलने के विरोध में आदिवासी महिलाओं ने अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान से साज़िश के आरोप पर कांग्रेस ने कहा कि मोदी की जगह अटल बिहारी वाजपेयी होते तो दस बार माफ़ी मांगते.
गुजरात चुनाव में जातीय और आर्थिक असमानता की आंच पर ऐसी खिचड़ी पकी, जिसका स्वाद भाजपा को अब कड़वा लग रहा है.
गुजरात में भाजपा को साधारण बहुमत मिला है और हारने वाले पांच मंत्रियों में से दो कैबिनेट मंत्री हैं.
मेहसाणा जिले की दो विधानसभाओं- ऊंझा, वडनगर और बेचराजी में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है.
हार्दिक ने दावा किया, मतदान के दौरान कई जगह वाई-फाई नेटवर्क पकड़ा गया. कई स्थानों पर मतगणना से पहले ईवीएम की सील टूटी मिली.
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढ़वाडिया, सिद्धार्थ चिमनभाई पटेल और राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल को क़रारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है.
गुजरात में अपनी कमज़ोरियों के कारण कांग्रेस भले ही बाज़ी नहीं पलट पायी, लेकिन मतदाताओं ने पिछली बार से डेढ़ दर्जन ज़्यादा सीटें देकर साफ कर दिया है कि वे ‘अपने’ प्रधानमंत्री के ‘कांग्रेसमुक्त भारत’ के आह्वान को कान नहीं दे रहे.