प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद की तरफ से बीच चुनाव में जनसंख्या पर आधारित एक रिपोर्ट के आधार पर कहा जा रहा है कि मुसलमानों की आबादी में 43% की बढ़ोतरी हुई है और हिंदुओं की आबादी में 7% की कमी हुई है. हालांकि, यह पूरा सच नहीं है. इस सांप्रदायिक तिकड़मबाज़ी पर द वायर की हेल्थ रिपोर्टर बनजोत कौर से अजय कुमार की बातचीत.
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा पहले ही मुस्लिम विरोधी अभियान चला रही है. पीएम-ईएसी की रिपोर्ट आने के बाद मीडिया इसके कुछ हिस्सों का हवाला देकर सनसनीख़ेज़ ख़बरें चला रहा है, जो भाजपा की झूठी कहानी को आगे बढ़ाने जैसा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने एक चुनावी रैली में मुसलमानों को 'ज़्यादा बच्चा पैदा करने वाले' कहा था.
अमेरिकियों के बीच सबसे लोकप्रिय विदेशी राजनेता की पहचान करने के लिए मार्च 2024 में एक सर्वे किया गया था. सर्वे में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26वें स्थान पर थे. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दोनों ही मोदी से ऊपर थे.
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 की उपधारा 3 और 3(ए) कहती हैं कि धर्म के आधार पर और धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल करते हुए वोट के लिए अपील करना भ्रष्ट आचरण है. लेकिन मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान संबंधित क़ानून का बार-बार उल्लंघन होते हुए देखा जा रहा है.
बीते वर्ष 3 मई से मणिपुर में शुरू हुए जातीय संघर्ष के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 विदेश दौरे भी किए हैं. मई 2023 से अप्रैल 2024 के बीच उन्होंने राजस्थान के सबसे ज्यादा दो दर्जन दौरे किए, वहीं 22 बार मध्य प्रदेश भी गए.
फैक्ट चेक: कांग्रेस के घोषणापत्र को सायास नज़रअंदाज़ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदू मतदाताओं को मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़का रहे हैं.
दक्षिणपंथी वेबसाइट ऑपइंडिया ने जिस लेख के आधार पर मुंबई के घाटकोपर स्थित सोमैया स्कूल की प्रिंसिपल परवीन शेख़ से इस्तीफ़ा मांगा गया है, उसमे दावा किया गया है कि शेख़ ने ऐसे कई ट्वीट लाइक किए थे जो 'हमास समर्थक, हिंदू विरोधी, भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना' करने वाले थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते हफ्ते 21 से 25 अप्रैल के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में ली गईं चुनाव सभाओं में जो भाषण दिए गए, उनको लेकर स्क्रॉल ने एक फैक्ट-चेक में पाया है कि इस दौरान उन्होंने लगातार कांग्रेस के ख़िलाफ़ झूठ फैलाने का काम किया है.
भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा की बीकानेर इकाई के ज़िलाध्यक्ष उस्मान ग़नी बीते दिनों तब सुर्खियों में आए थे जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें वह बांसवाड़ा की चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गईं टिप्पणियों की आलोचना करते नज़र आ रहे थे. इसके बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
अमेरिका के कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की एक संक्षिप्त रिपोर्ट में कहा गया है कि एनआरसी के साथ मिलकर सीएए भारत में बड़ी मुस्लिम अल्पसंख्यक आबादी के अधिकारों को ख़तरे में डाल सकता है.
आज जब लोकतंत्र का अस्तित्व संकट में है, तब भी छोटे राजनीतिक कद लेकिन विराट अहंकारी विपक्षी नेता आपसी सहमति और एकजुटता से चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं हैं.
बीते दिनों एक चुनावी सभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह में दावा किया कि 'चीन भारत की एक इंच ज़मीन पर भी अतिक्रमण नहीं कर सकता.' हालांकि, तथ्यों की पड़ताल बताती है कि साल 2020 में गलवान घाटी में भारतीय-चीनी सेना के बीच झड़प के बाद से सीमा पर 2020 से पहले की स्थिति बनाए रखने के लिए भारत ने चीन के साथ कम से कम 21 दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मणिपुर हिंसा शुरू होने के 79 दिन तक चुप्पी न तोड़ना, उनकी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव के चलते संसद में मजबूरन बोलना और आज तक हिंसाग्रस्त राज्य का दौरा न करना इस बात का पर्याप्त प्रमाण हैं कि उनके हिंसा में 'समय से हस्तक्षेप' के दावे में कोई सच्चाई नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में दावा किया है कि उनके द्वारा लाई गई चुनावी बॉन्ड योजना के कारण ही राजनीतिक चंदे के स्रोतों के नाम सामने आए हैं. हालांकि, हक़ीक़त यह है कि मोदी सरकार ने चंदादाताओं के नाम छिपाने के लिए हरसंभव कोशिश की थी.