मध्य प्रदेश विधानसभा में पेश की गई कैग रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 1,500 से अधिक अपात्र लाभार्थियों को योजना के तहत धनराशि जारी कर दी गई और एसटी/एससी और अधिक वंचित लाभार्थियों को प्राथमिकता देने के बजाय अन्य लोगों को तरजीह दी गई थी. वाहन वाले परिवारों के लिए यह सुविधा नहीं है, लेकिन ऐसे लोगों को लाभ दिए गए, जिनके पास वाहन थे.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक आदेश में कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत भूमिहीनों के लिए भूमि केवल इस केंद्रशासित प्रदेश के निवासियों को ही दी जाएगी. वहीं पीडीपी ने प्रशासन पर भूमिहीनों को ज़मीन देने की इस योजना की आड़ में बाहरी लोगों को बसाने का आरोप लगाया है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के सतना ज़िले की रहिकवारा ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 600 घरों का निर्माण किया गया है, लेकिन पड़ताल में सामने आया कि कागजों में उन लोगों के नाम भी घरों का आवंटन दिखाया गया है, जो मर चुके हैं. करीब 75 घर ढूंढ़े से भी नहीं मिलते हैं. घोटाला सामने आने के बाद दो अधिकारियों समेत भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के भाई के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह को लिखे पत्र में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने केंद्र से 2022-23 में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 13 लाख आवासों को मंज़ूरी देने का आग्रह किया था. जवाब में सिंह ने बताया कि प्रदेश को पहले ही 11.66 लाख घरों का ‘पूर्ण और अंतिम’ आवंटन दिया जा चुका है.