दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी से कहा- पीएमएलए की धारा 50 के तहत समन जारी कर सकते हैं, गिरफ़्तारी नहीं

अदालत के फैसले में यह भी कहा गया कि पीएमएलए की धारा 19 के तहत ईडी की गिरफ़्तार करने की शक्तियां 'बेरोक-टोक नहीं' हैं. अधिकारी इन्हें अपनी 'मर्ज़ी' के हिसाब से किसी को गिरफ़्तार करने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते.

ईडी को कामकाज में पारदर्शी और निष्पक्ष होना चाहिए, प्रतिशोधी नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को किसी आरोपी की गिरफ़्तारी के लिखित आधार की एक प्रति उसे बिना किसी अपवाद के प्रदान की जानी चाहिए. मामले में एजेंसी के कामकाज की आलोचना करते हुए अदालत ने कहा कि ईडी के आचरण में ‘मनमानेपन की बू आ रही है’.

भारतीय शिक्षाविदों, सिविल सोसायटी सदस्यों ने नवशरण सिंह पर ईडी की कार्रवाई की निंदा की

कनाडा के कार्लटन विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वालीं डॉ. नवशरण सिंह रोहतक विश्वविद्यालय, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक्स रिसर्च और इंटरनेशनल डेवलपमेंट रिसर्च काउंसिल में काम कर चुकी हैं. बीते माह प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे लंबी पूछताछ की थी.

केस दर केस ईडी की पड़ताल में विपक्षी नेताओं पर एजेंसी की कार्रवाई से कई सवाल उठते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने भले ही विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के काम को लेकर निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका सुनने से इनकार कर दिया हो, लेकिन द वायर द्वारा पड़ताल किए गए विपक्षी नेताओं से जुड़े मामलों में कई विसंगतियां और सवाल मिले हैं, जिनके जवाब दिए जाने की ज़रूरत है.

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी ने चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया की पांच संपत्तियों पर छापा मारा

प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग क़ानून के तहत चर्च के धन की हेराफेरी के सिलसिले में देशभर में पांच स्थानों- पुणे, पचमढ़ी, जालंधर, इंदौर और कोलकाता में चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया की संपत्तियों की तलाशी ली. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद और ज़ब्त किए गए हैं.

ईडी की अति सक्रियता का राज़ क्या है?

ईडी ने अपना दायरा बढ़ाने के लिए एजेंसी द्वारा 2020 में जारी एक सर्कुलर को सीढ़ी बनाया है, जिसका मक़सद इसकी भूमिका को परिभाषित करना था. हालांकि इससे ईडी निदेशक को कई ऐसे अधिकार मिलते हैं, जिससे वे एक तरह से ऐसे किसी भी व्यक्ति को अपने शिकंजे में ले सकते हैं, जिसमें सरकार की दिलचस्पी हो.

आयकर ‘सर्वे’ के बाद अब ईडी ने बीबीसी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया

बीबीसी द्वारा जनवरी में गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका को रेखांकित करने वाली डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ किए जाने के बाद फरवरी में इसके दिल्ली और मुंबई के कार्यालयों में आयकर विभाग ने 'सर्वे' किया था. अब ईडी ने इसके ख़िलाफ़ कथित 'विदेशी मुद्रा उल्लंघन' का मामला दर्ज किया है.

ईडी उच्च दोषसिद्धि दर का दावा करती है, लेकिन इसने 2005 से सिर्फ़ 25 मामलों का निपटान किया है

साल 2005 के बाद से ईडी द्वारा दर्ज 5,906 मामलों में से जांच एजेंसी केवल 1,142 मामलों में जांच पूरी करने और चार्जशीट दाखिल करने में कामयाब रही है. जांच से पता चलता है कि साल 2014 से 121 राजनेता ईडी की जांच के दायरे में रहे हैं, जिनमें से 115 विपक्ष के नेता हैं.

ईडी की ताक़त बढ़ी, मोदी सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग क़ानून का दायरा बढ़ाया

नए नियमों के अनुसार, ईडी अब जिन लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकता है, उनमें 'पॉलिटिकली एक्सपोज़्ड पर्सन्स' (पीईपी) को शामिल किया गया है. साथ ही बैंकों को अब वरिष्ठ नौकरशाहों, वरिष्ठ न्यायिक या सैन्य अधिकारियों और महत्वपूर्ण नेताओं के विस्तृत रिकॉर्ड रखने होंगे.

दो साल बाद जेल से रिहा हुए सिद्दीक़ कप्पन ने कहा- मुझे मुस्लिम होने के चलते निशाना बनाया गया

वीडियो: केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था, जब वह यूपी के हाथरस में सामूहिक बलात्कार मामले की रिपोर्ट के लिए जा रहे थे. बीते 2 फरवरी को उन्हें दो साल से अधिक समय के बाद ज़मानत पर रिहा कर दिया गया. उनसे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पत्रकार राना अयूब की याचिका ख़ारिज की

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ग़ाज़ियाबाद की विशेष अदालत द्वारा समन किए जाने को चुनौती देने वाली पत्रकार राना अयूब की याचिका ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सुनवाई कर रही निचली अदालत के समक्ष न्यायाधिकार का मुद्दा उठाने की अनुमति दी है.  

सिद्दीक़ कप्पन की रिहाई पर शशि थरूर ने कहा- संशोधित यूएपीए लोकतंत्र के लिए संकट है

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि 28 महीनों के बाद केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन की जेल से रिहाई हमें इस बात का ध्यान कराती है कि सरकार यूएपीए के तहत लोगों को बिना किसी आरोप के अनिश्चित समय के लिए हिरासत में रख सकती है.

दो साल से अधिक समय बाद केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन जेल से रिहा

केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य को अक्टूबर 2020 में गिरफ़्तार किया गया था, जब वह उत्तर प्रदेश के हाथरस में सामूहिक बलात्कार मामले की रिपोर्ट करने के लिए जा रहे थे. यूपी पुलिस ने कप्पन पर जाति आधारित दंगा भड़काने का इरादा रखने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया था. इसके बाद उन पर देशद्रोह और यूएपीए के तहत भी मामले जोड़े गए थे.