आरोप-पत्र में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के कार्यकारी निदेशकों- केवी ब्रह्मजी राव तथा संजीव शरण और महाप्रबंधक (अंतरराष्ट्रीय परिचालन) निहाल अहद का भी नाम. नीरव मोदी की पत्नी एमी और उसके चाचा एवं कारोबार सहयोगी मेहुल चोकसी का नाम नहीं है.
बैंक अधिकारी और कर्मचारी केवल अपनी सेवा शर्तों में सुधार और अधिक वेतन के लिए ही प्रबंधन के सामने आते है, लेकिन जब ग़लत नीतियों से बैंक को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा होता है तब ये ख़ामोश रहते हैं.
आरबीआई गवर्नर पटेल ने पीएनबी घोटाले पर कहा, ‘मैंने आज बोलना इसलिए तय किया ताकि यह बता सकूं कि बैंकिंग क्षेत्र के घोटाले एवं अनियमितताओं से आरबीआई भी गुस्सा, तकलीफ और दर्द महसूस करता है.’
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि साल 2017 में पीएनबी ने नीरव मोदी से जुड़ी कंपनियों के लिए लगभग 54 अरब रुपये के 150 फ़र्ज़ी एलओयू जारी किए.
भाजपा समर्थक मीडिया द्वारा द वायर की एक ऐसी रिपोर्ट को ख़ारिज करने की कोशिश की गई है, जो अब तक प्रकाशित नहीं हुई.
चाहे हीरा-व्यापार का मामला हो या बुनियादी ढांचे की कुछ बड़ी परियोजनाएं, काम करने का तरीका एक ही रहता है- परियोजना की लागत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना और बैंकों व करदाताओं का ज़्यादा से ज़्यादा पैसा ऐंठना.
सीबीआई ने नीरव मोदी को ईमेल भेजकर जांच में शामिल होने को कहा था. ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है. मेहुल चौकसी समूह की 1,217 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजी हाथों में देने से समस्या ख़त्म हो जाएगी, ऐसा सोचना अज्ञानता के अलावा कुछ नहीं है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने बयान में आरोप लगाया कि भारत में सभी ‘चोरों’ ने अपने काले धन को मोदी की मदद से सफेद कर दिया है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पीएनबी घोटाले के बाद काफ़ी लोगों ने निजीकरण की बात शुरू कर दी है. भारत में बैंकों के निजीकरण को राजनीतिक रूप से स्वीकार नहीं किया जाएगा.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को आर्थिक संकट में उद्योगपतियों ने ही डाला है और कमाल की बात यह है कि निजीकरण के तहत इन बैंकों को एक तरह से उनके ही क़ब्ज़े में देने की बातें हो रही हैं.
पीएनबी घोटाले पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को लेकर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि वह ‘मौनेंद्र मोदी’ बन गए हैं.
आज जब दुनिया में नाना प्रकार के खोट उजागर होने के बाद भूमंडलीकरण की ख़राब नीतियों पर पुनर्विचार किया जा रहा है, हमारे यहां उन्हीं को गले लगाए रखकर सौ-सौ जूते खाने और तमाशा देखने पर ज़ोर है.
टीएमसी प्रमुख ने दावा किया कि पीएनबी घोटाले की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए लोगों की जेब से पैसा लिया जा रहा है.
जन गण मन की बात की 199वीं कड़ी में विनोद दुआ नीरव मोदी और पीएनबी घोटाले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान पर चर्चा कर रहे हैं.