अर्थशास्त्री पी. पुल्लाराव ने इन आरोपों के साथ एनजीटी का दरवाजा खटखटाया था कि पोलावरम बांध परियोजना में पर्यावरण मंज़ूरी देने में नियमों का उल्लंघन हुआ है, लेकिन एनजीटी ने इस संबंध में विभिन्न संस्थानों की रिपोर्ट पर विचार किए बिना ही मामले को बंद कर दिया था.