गुजरात में लगातार दूसरे साल हिरासत में मौतों के सर्वाधिक मामले: एनसीआरबी डेटा

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि वर्ष 2021 में गुजरात में कुल 23 लोगों की पुलिस हिरासत में मौत हुई, जिनमें से 22 मौतें पुलिस हिरासत या लॉक-अप में तब हुईं जब आरोपी रिमांड पर नहीं थे. इसी अवधि में पूरे देश में इस तरह की 88 मौतें हुईं.

बीते दो सालों में पुलिस हिरासत में 4,484 मौतें, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक: केंद्र सरकार

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि देश भर में साल 2020 में हिरासत में मौत के 1,940 और साल 2021 में 2,544 मामले दर्ज किए गए. सरकारी डेटा के अनुसार, साल 2020 में पुलिस एनकाउंटर में मौत के 82 और साल 2021 में 151 मामले दर्ज किए गए.

जम्मू कश्मीर: हिरासत में मौत मामले में क्राइम ब्रांच को पुलिस पर केस दर्ज करने का निर्देश

जम्मू कश्मीर पुलिस ने बीते 9 जुलाई को श्रीनगर के नाटीपोरा इलाके में रहने वाले 21 वर्षीय युवक मुस्लिम मुनीर लोन को चोरी के एक मामले में हिरासत में लिया था. आरोप है कि इसके बाद पुलिसकर्मियों ने बेहोशी की हालत में उन्हें वापस उनके घर पहुंचा दिया था. फ़िर परिजन उन्हें अस्पताल लेकर गए थे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.

जम्मू कश्मीर: पुलिस हिरासत में प्रताड़ना से 21 वर्षीय मुस्लिम युवक की मौत का आरोप

जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के नौगाम थाने की पुलिस बीते 9 जुलाई की सुबह मुस्लिम मुनीर लोन नामक युवक को चोरी के आरोप में घर से अपने साथ ले गई थी. बाद में उनकी मां को बुलाकर बेसुध हालत में उन्हें सौंप दिया गया. परिजन जब अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के चलते मौत होने का आरोप लगाया है. पुलिस ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है.

असम: थाने पर हमले को उकसाने के आरोपी की पुलिस हिरासत से ‘भागने’ के दौरान मौत

असम पुलिस के अनुसार, नागांव ज़िले में भीड़ को थाने में हिंसा के लिए उकसाने के मुख्य आरोपी आशिकुल इस्लाम ने उन्हें पुलिस वाहन से हथियारों की निशानदेही के लिए ले जाने के दौरान भागने की कोशिश की और पीछे चल रहे एस्कॉर्ट वाहन की चपेट में आने उनकी मौत हो गई.

असम: कथित तौर पर हिरासत में मारे गए शख़्स की पत्नी समेत पांच पर यूएपीए का केस दर्ज

ये पांचों उन छह लोगों में से हैं, जिन पर पहले ही कथित तौर पर पुलिस हिरासत में हुई सफीकुल इस्लाम की मौत के विरोध में नागांव ज़िले के बटाद्रवा थाने में आग लगाने का आरोप लगाया गया है. रविवार को पुलिस ने थाने में आगजनी के आरोपियों को 'अतिक्रमणकारी' बताते हुए उनके घरों को ध्वस्त कर दिया था. इनमें मृतक सफीकुल का घर भी शामिल है.

असम: कथित हिरासत में मौत के बाद भीड़ ने थाना जलाया, प्रशासन ने आरोपियों के घर पर बुलडोज़र चलाया

एक मछली व्यापारी सफीकुल इस्लाम की कथित तौर पर हिरासत में मौत के बाद भीड़ ने बीते 21 मई को असम के नगांव ज़िले के बटाद्रवा थाने आग लगा दी थी. रविवार को प्रशासन ने सलोनाबारी गांव में अतिक्रमण अभियान चलाकर उन आरोपियों के घर गिरा दिए, जो कथित तौर पर आगज़नी में शामिल थे. पुलिस ने हिरासत में मौत से भी इनकार किया है. हालांकि मृतक के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि पुलिस ने उसकी रिहाई के

शरद पवार पर ‘आपत्तिजनक’ पोस्ट के मामले में अभिनेत्री केतकी चिताले 18 मई तक पुलिस हिरासत में

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने पर मराठी अभिनेत्री केतकी चिताले और फार्मेसी के 23 वर्षीय छात्र निखिल भामरे को बीते 14 मई को गिरफ़्तार किया गया था. इसके बाद से चिताले के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में कई एफ़आईआर दर्ज कराए जा चुके हैं.

त्रिपुरा पुलिस ​​हिरासत में चकमा समुदाय की नाबालिग लड़की और युवक की मौत, न्यायिक जांच की मांग

त्रिपुरा के गोमती ज़िले का मामला. एक नाबालिग लड़की और युवक के बीच प्रेम संबंध था. दोनों के घर छोड़कर चले जाने के बाद लड़की के पिता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. बताया जाता है​ कि पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में लिए जाने के बाद उनके माता-पिता को ख़बर मिली कि दोनों ने ज़हर खा लिया. चकमा सामाजिक परिषद ने मामले की न्यायिक जांच की मांग के साथ ज़िम्मेदार पुलिसवालों को कड़ी सज़ा देने की मांग की है.

झारखंड में बीते तीन सालों में जेल में 156 मौतें हुईं, पुलिस हिरासत में 10 मौतेंः सरकारी डेटा

झारखंड के गृह विभाग, जेल और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों से यह जानकारी प्राप्त हुई है. इसके मुताबिक़, साल 2018-19 में 167, 2019-20 में 45 और 2020-21 में हिरासत में 54 मौतें हुई हैं. 

बीते 20 सालों में हिरासत में मौत के 1,888 मामले, 26 पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया: रिपोर्ट

एनसीआरबी और क्राइम इन इंडिया की 2001-2020 की रिपोर्ट्स से तैयार किया गया डेटा बताता है कि कुल 1,888 में से 893 में पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए गए और 358 के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दायर हुए. हालांकि इन सालों में केवल छब्बीस पुलिसकर्मियों को दोषी साबित किया जा सका.

क़ानून पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान लोगों को पीटने की अनुमति नहीं देताः दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट दो लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्हें कथित तौर पर अवैध रूप से हिरासत में लिया गया और दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों ने इस दौरान उन्हें बेरहमी से पीटा था. उनका यह भी आरोप है कि पुलिस की ज़्यादती को लेकर की गई उनकी शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

राजस्थान: पुलिस हिरासत में आरोपी की मौत, पूरा थाना लाइनहाज़िर

घटना कोटा ज़िले की है, जहां नयापुरा थाने में एक 32 वर्षीय शख़्स को सार्वजनिक व्यवस्था बाधित करने के आरोप में रखा गया था. पुलिस के अनुसार, उन्होंने कथित रूप से बैरक में बने शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने हिरासत में उनकी जान ली है. राज्य मानवाधिकार आयोग ने एसपी सिटी से हफ्ते भर के अंदर इस घटना पर रिपोर्ट देने को कहा है.

गुजरात: गोमांस ले जाने के आरोप में गिरफ़्तार व्यक्ति ने हिरासत में कथित तौर पर आत्महत्या की

मामला पंचमहल ज़िले का है. पुलिस के अनुसार, गोधरा बी डिवीजन पुलिस ने बुधवार को क़ासिम अब्दुल्ला नाम के व्यक्ति को गोमांस ले जाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने से पहले उसने गुरुवार तड़के लॉकअप में आत्महत्या कर ली. क़ासिम के परिवार ने घटना की जांच की मांग की है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस हिरासत में मौत की सीबीआई जांच का निर्देश दिया

उत्तर प्रदेश के जौनपुर ज़िले में 24 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. इस मामले में अजय कुमार यादव ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पुलिस उनके भाई को 11 फरवरी, 2021 को जबरदस्ती अपने साथ ले गई और उन्हें थाने में रखा था. अगले दिन बताया गया कि उनके भाई की मौत हो गई है.