जम्मू-कश्मीर: पीएसए के तहत हिरासत रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने कहा- भारत पुलिस स्टेट नहीं है

दक्षिण कश्मीर के शोपियां के निवासी ज़फ़र अहमद पर्रे पर पिछले साल पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था और उन्होंने अपनी हिरासत को अदालत में चुनौती दी थी. अदालत ने इस मामले पर सख़्त टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत जैसा लोकतांत्रिक देश, जो क़ानूनसे चलता है, में पुलिस और मजिस्ट्रेट किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए बिना उसे उठाकर पूछताछ नहीं कर सकते.

वी-20 सम्मेलन की अनुमति से इनकार के बाद आयोजक बोले, हम पुलिस स्टेट बनने के ​क़रीब पहुंच गए हैं

वी-20 शिखर सम्मेलन दिल्ली के एचकेएस सुरजीत भवन में आयोजित किया जा रहा था, जिसका स्वामित्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पास है. इससे पहले बीते 19 अगस्त पुलिस ने कार्यक्रम को बाधित करने का प्रयास किया था, लेकिन लोगों के विरोध के बाद अंतत: इसे जारी रहने दिया.

अनावश्यक गिरफ़्तारियां और ‘पुलिस राज’ रोकने के लिए क़ानून बनाए केंद्र सरकार: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अंधाधुंध गिरफ़्तारियां औपनिवेशिक मानसिकता का संकेत हैं. देश की जेलें विचाराधीन कैदियों से भरी हैं. अनावश्यक गिरफ़्तारियां सीआरपीसी की धारा 41 व 41(ए) का उल्लंघन हैं. कोर्ट ने ज़मानत आवेदनों के निपटारे को लेकर निचली अदालतों को भी फटकार लगाई.