कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने चुनावी बॉन्ड को ‘वैध रिश्वतखोरी’ बताया

केंद्र सरकार ने बीते 29 सितंबर को चुनावी बॉन्ड की 28वीं किश्त की जारी करने को मंज़ूरी दे दी, जो 4 अक्टूबर से 10 दिनों के लिए बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी. यह फैसला राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिज़ोरम में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आया है. इन राज्यों में जल्द ही चुनाव की घोषणा होने की संभावना है.

राजनीतिक दलों के लिए चंदे का मुख्य स्रोत चुनावी बॉन्ड हैं: एडीआर रिपोर्ट

एडीआर के अनुसार, 2016-17 और 2021-22 के बीच भाजपा को अन्य सभी राष्ट्रीय दलों की तुलना में तीन गुना अधिक चंदा मिला, जिसमें से 52%से अधिक चुनावी बॉन्ड से आया.

2021-22 में क्षेत्रीय दलों की 76% आय अज्ञात स्रोतों से हुई, 93% चुनावी बॉन्ड से मिले: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को अज्ञात स्रोतों से कुल 887.55 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिसमें से 93.26 फीसदी या 827.76 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के माध्यम से प्राप्त हुए. 

चुनावी बॉन्ड संबंधी याचिकाओं को वृहद पीठ को भेजने पर छह दिसंबर को ग़ौर करेगा सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा कुछ अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा चुनावी बॉन्ड के ज़रिये राजनीतिक दलों को चंदा मिलने के प्रावधान वाले क़ानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.

दिल्ली: स्वतंत्र थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च पर आयकर विभाग की छापेमारी

आयकर विभाग द्वारा कुछ पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और उनके कथित संदिग्ध वित्तीय लेन-देन को लेकर कई राज्यों में छापेमारी की गई है. सूत्रों ने बताया है कि थिंक टैंक में हुई कार्रवाई का संबंध भी इसी मामले से है. सीपीआर ने अब तक इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

भाजपा ने 2019-20 में 4,847 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति घोषित की: एडीआर

चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले संगठन द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 2019-20 में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की संपत्ति और देनदारियों के अपने विश्लेषण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है. वित्त वर्ष के दौरान सात राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल संपत्ति क्रमश: 6,988.57 करोड़ रुपये और 2,129.38 करोड़ रुपये थी.

सरकार ने चुनावी बॉन्ड की 19वीं किस्त को मंज़ूरी दी, एक जनवरी से शुरू होगी बिक्री

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय स्टेट बैंक को एक जनवरी से 10 जनवरी 2022 के बीच उसकी 29 अधिकृत शाखाओं के जरिए चुनावी बॉन्ड जारी करने और उसे भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है.

केंद्रीय सूचना आयोग ने चुनावी बॉन्ड पर एसबीआई की रिपोर्ट का खुलासा करने से इनकार किया

आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनावी बॉन्ड की बिक्री और उन्हें भुनाने के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक और केंद्र को साल 2018 में सौंपी गई रिपोर्ट का खुलासा करने की मांग की थी.

प्रूडेंट ट्रस्ट का 85 फ़ीसदी चंदा भाजपा को मिला, कांग्रेस के चंदे में 93 प्रतिशत की कमी: रिपोर्ट

पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 209 करोड़ रुपये का चंदा भाजपा को मिला है, वहीं कांग्रेस को इससे महज़ दो करोड़ प्राप्त हुए. यह ट्रस्ट भारत के सबसे बड़े और धनी इलेक्टोरल ट्रस्टों में से एक है, जो 2013-14 से ही भाजपा के सबसे बड़े चंदा देने वालों में से एक है.

2021 के चुनावों के दौरान उन्नीस पार्टियों को मिले 1,100 करोड़ रुपये, भाजपा को सर्वाधिक: अध्ययन

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में भाजपा और कांग्रेस सहित 19 राजनीतिक दलों ने पांच राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा चुनाव के दौरान 500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा स्टार प्रचारकों के विज्ञापनों और यात्रा मद में गया.

2019-20 में क्षेत्रीय दलों ने अज्ञात स्रोतों से जुटाए 445.77 करोड़ रुपये: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 में 25 क्षेत्रीय दलों को 803.24 करोड़ रुपये दान मिला, जिसमें 426.23 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड से आए और क्षेत्रीय दलों ने स्वैच्छिक योगदान से 4.97 करोड़ रुपये एकत्र किए, जिसमें से 55.5 प्रतिशत अज्ञात स्रोतों से आया.

16 क्षेत्रीय दलों ने बिना पैन विवरण के 24.779 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया: रिपोर्ट

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी की चंदे से हुई आय में सर्वाधिक वृद्धि हुई है.

ग़ैर-चुनावी अवधि में भी एसबीआई ने 614 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे: आरटीआई

614 करोड़ रुपये के इन चुनावी बॉन्ड में से 200 करोड़ रुपये के बॉन्ड एसबीआई की कोलकाता शाखा, 195 करोड़ रुपये के बॉन्ड चेन्नई शाखा और 140 करोड़ रुपये के बॉन्ड हैदराबाद शाखा से बेचे गए हैं. साल 2018 से लेकर अक्टूबर 2021 तक कुल 18 चरणों में 7,994 करोड़ रुपये के गोपनीय चुनावी बॉन्ड बेचे जा चुके हैं, जिनका मुख्य मक़सद राजनीतिक दलों को चंदा देना है. 

14 क्षेत्रीय दलों ने चुनावी बॉन्ड के ज़रिये चंदा प्राप्त होने की घोषणा की: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के रिपोर्ट में कहा है कि 42 क्षेत्रीय दलों का विश्लेषण किया गया, उनमें से केवल 14 ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 447.498 करोड़ रुपये का चंदा मिलने की घोषणा की है, जो उनकी कुल आय का 50.97 प्रतिशत है.

1 2 3 6