अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने 22 जनवरी तक सरकारी बसों में स्थापित सार्वजनिक संबोधन प्रणालियों के माध्यम से राम भजन बजाने के निर्देश जारी किए हैं. वहीं जेल मंत्री ने कहा है कि राज्य भर की सभी जेलों में क़ैदियों के बीच हनुमान चालीसा और सुंदर कांड की 50,000 से अधिक प्रतियां बांटी जाएंगी.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक विश्लेषण के अनुसार, पांच चुनावी ट्रस्टों को वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 366.49 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिसमें भाजपा को सबसे अधिक 259.08 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ. बीआरएस को 90 करोड़ रुपये और वाईएसआर कांग्रेस, आप तथा कांग्रेस को सामूहिक रूप से कुल 17.40 करोड़ रुपये दान में मिले.
स्टेट बैंक ने एक आरटीआई के जवाब में बताया है कि 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना आने के बाद से 29 चरणों में 15,956.3096 करोड़ रुपये के बॉन्ड बेचे गए हैं. बताया गया है कि दानदाताओं को बैंक को कोई सेवा शुल्क नहीं देना पड़ता, यहां तक कि बॉन्ड की छपाई लागत का भुगतान भी सरकार या करदाता वहन करते हैं.
चुनाव आयोग ने एक परामर्श जारी कर कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के सदस्यों या उनके उम्मीदवारों द्वारा भाषण या अभियान में ऐसे शब्द, जिन्हें शारीरिक अक्षमता का अपमान समझा जा सकता है, प्रयोग न करें. इस तरह की भाषा के सामान्य उदाहरण- गूंगा, अंधा, काना, बहरा, लंगड़ा, लूला आदि बताए गए हैं.
पूर्वोत्तर में एक नए क्षेत्रीय दल के तौर पर उभरे ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट ने 40 सदस्यीय मिज़ोरम विधानसभा की 27 सीटें जीती हैं. वहीं, सत्तारूढ़ मिज़ो नेशनल फ्रंट 10 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट मिली हैं.
चुनाव आयोग ने कहा कि यह बदलाव विभिन्न क्षेत्रों से मतगणना की तारीख़ बदलने के लिए कई अनुरोध आने के बाद किया गया है. इससे पहले यहां अन्य चार चुनावी राज्यों की तरह 3 दिसंबर (रविवार) को मतगणना तय की गई थी. हालांकि ईसाई बहुल राज्य होने के कारण मिज़ोरम रविवार को पवित्र दिन मानता है, इसलिए तारीख़ में बदलाव की मांग कर रहा था.
चुनावी बॉन्ड से राजनीतिक दलों को फंडिंग की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए शीर्ष अदालत ने चिंता जताई कि योजना से जुड़ी गोपनीयता समान नहीं है, जहां किसी विपक्षी दल को यह नहीं पता होगा कि दान देने वाला कौन है, पर विपक्षी दल को दान देने वालों का पता जांच एजेंसियों द्वारा लगाया जा सकता है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले वे सभी विपक्षी दलों की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है. केंद्र ने अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजा है. पांच-छह सांसदों ने कहा है कि उनके फोन हैक हो गए हैं.
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार, चुनावी बॉन्ड की सबसे अधिक बिक्री स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की हैदराबाद शाखा (33 प्रतिशत) में हुई. वहीं एसबीआई की नई दिल्ली शाखा में बेचे गए सभी चुनावी बॉन्ड में से अधिकांश (800 करोड़ रुपये या 70 प्रतिशत) भुनाए गए.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि ईडी और नेताओं को ज़मानत देने से इनकार करना सरकार के लिए एक ‘राजनीतिक हथियार’ बन गया है.
चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों की गुमनाम फंडिंग की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग पास चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दिए गए दान का विवरण होना चाहिए. इसे अदालत में अपने पास रखें. हम उचित समय पर इस पर गौर कर सकते हैं.
केरल के त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड ने सर्कुलर जारी करके कहा है कि मंदिर में त्योहारों और अनुष्ठानों के अलावा परिसर का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए. आगे कहा गया है कि जो अधिकारी इस आदेश का पालन करने में विफल रहेंगे, उन्हें सख़्त कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) बनाने के लिए ज़रूरी सेमीकंडक्टर और चिप्स की कमी है, जिसका अर्थ है कि एक साथ मतदान के लिए निर्वाचन आयोग को तैयार होने में तक़रीबन एक साल तक का समय लगेगा.
मिजोरम में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 7 नवंबर को होगा और मतगणना 3 दिसंबर को निर्धारित की गई है. राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि मतगणना रविवार को पड़ रहा है, जिसे इस ईसाई बहुल राज्य में पवित्र माना जाता है, इसलिए ऐसे दिन कोई भी आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाना चाहिए.
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की व्यवहार्यता की जांच के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है. विपक्ष के नेताओं ने इसकी आलोचना करते हुए इसे एक ‘चाल’ क़रार दिया और आरोप लगाया कि सरकार धीरे-धीरे भारत में लोकतंत्र की जगह तानाशाही लाना चाहती है.