ढाई महीने तक चले सात चरणों के चुनाव में भारत के चुनाव आयोग को पश्चिम बंगाल से रैलियों के क़रीब 1,19,276 आवेदन मिले थे, जिनमें से 94,975 स्वीकार हुए.
पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई क़ुरैशी ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि दिन में रैली और रात में कर्फ्यू का कोई मतलब नहीं होता है. इससे संक्रमण नहीं रुकने वाला है. सरकार को चाहिए वह इन रैलियों पर रोक लगाए. चुनावों की घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग को पहला काम इन रैलियों पर प्रतिबंध लगाने का करना चाहिए.