प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने 'द कारवां' पत्रिका को जम्मू-कश्मीर में सेना द्वारा आम नागरिकों की कथित हत्या से संबंधित रिपोर्ट के संबंध में कारण बताओ नोटिस भेजा है. इससे पहले पत्रिका को आईटी अधिनियम के तहत मिले एक नोटिस में उक्त रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट से हटाने के लिए कहा गया था.
‘कारवां’ पत्रिका को आईटी अधिनियम के तहत मिले एक नोटिस में कहा गया है कि अगर वह 24 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट से जम्मू कश्मीर में सेना द्वारा आम नागरिकों की कथित हत्या से संबंधित लेख नहीं हटाती है, तो पूरी वेबसाइट हटा दी जाएगी. पत्रिका ने इसे अदालत में चुनौती देने की बात कही है.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में बीते 21 दिसंबर को एक आतंकी हमले में 4 जवानों की मौत के बाद सेना ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया था. बाद में इनमें से 3 लोगों के शव पाए गए थे. इनके परिवारों ने सेना की हिरासत में मौत का आरोप लगाया है. अब सेना ने इस मामले की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है.
आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में बीते 21 दिसंबर को सेना के जवानों पर हमला किया था, जिसमें 4 जवान शहीद हो गए थे. स्थानीय लोगों का दावा है कि इस सिलसिले में सेना के जवानों ने बीते 22 दिसंबर को कम से कम आठ नागरिकों को पूछताछ के लिए उठाया था. इनमें से 3 उस जगह के नज़दीक मृत पाए गए थे, जहां आतंकवादियों ने सेना पर हमला किया था.
जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में सेना के ट्रक पर हुआ आतंकी हमला. राष्ट्रीय राइफल्स के ये शहीद जवान आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए तैनात थे. 2019 के पुलवामा आत्मघाती बम विस्फोट के बाद से जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के चलते वाहन पर हुआ यह सबसे घातक हमला है.