दिल्ली हाईकोर्ट के पिछले साल 18 सितंबर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर शीर्ष अदालत सुनवाई कर रहा था, जिसमें निजी और सरकारी स्कूलों को कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के लिए आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग अथवा वंचित समूह श्रेणी के छात्रों को गैजेट और इंटरनेट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल सितंबर में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के लिए आर्थिक रूप से कमज़ोर अथवा वंचित समूह श्रेणी के अंतर्गत आने वाले छात्रों को गैजेट्स और इंटरनेट पैकेज उपलब्ध कराने के लिए निजी और सरकारी स्कूलों को निर्देश दिया था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि यदि एक स्कूल ख़ुद ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का फ़ैसला करता है तो उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि आर्थिक रूप से कमज़ोर और वंचित वर्ग के छात्रों के पास भी इसकी सुविधा उपलब्ध हो. ऐसा न करना डिजिटल भेदभाव के साथ शिक्षा के अधिकार क़ानून के प्रावधानों का उल्लंघन भी है.