हरियाणा पुलिस संगठन के अध्यक्ष दिलावर सिंह का दावा है कि 25 मई को लोकसभा चुनाव के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा डाक मतपत्र से किया गया मतदान स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं था क्योंकि उनके फॉर्म, आधार कार्ड और वोटर आईडी एसपी कार्यालय में जमा करवा लिए गए थे.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने बालाघाट के कलेक्टर पर डाक मत-पत्र (पोस्टल बैलेट) स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर निकालने का आरोप लगाते हुए उनके निलंबन की मांग की है. पार्टी ने इस संबंध में एक वीडियो भी जारी किया है. हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि पूरी प्रक्रिया नियमों के दायरे में संपन्न हुई थी.
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 29 नवंबर को ख़त्म हो रहा है. चुनाव के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, 03 और 07 नवंबर को मतदान होगा. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है.
यह सही है कि समय पर चुनाव करवाना चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है, मगर जिस राज्य में महामारी का आलम ये हो कि मुख्यमंत्री ही तीन महीने बाहर न निकलें, वहां सात करोड़ मतदाताओं के साथ एक माह तक चुनाव प्रक्रिया चलाना बीमारी के जोखिम को और बढ़ा सकता है.
कोरोना वायरस से वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा का हवाला देते हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाक-मतपत्र के लिए मतदाताओं की आयु सीमा 80 साल से घटाकर 65 साल कर दी गई है. विपक्षी दलों का कहना है कि चुनाव आयोग बिना विमर्श चुनावी प्रक्रिया बदलने के लिए एकतरफ़ा क़दम उठा रहा है.
कोरोना वायरस को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनज़र विधि मंत्रालय ने 19 जून को जारी संशोधन में 65 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों को डाक मतपत्र के इस्तेमाल की अनुमति दी है. इससे पहले यह आयु सीमा 80 वर्ष थी.
चुनाव आयोग की सिफ़ारिश पर क़ानून मंत्रालय ने 22 अक्टूबर को इस फैसले को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है. मौजूदा व्यवस्था में सिर्फ सैन्य, अर्ध सैन्य बल के जवानों और विदेशों में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों के अलावा निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को ही डाक मत-पत्र से मताधिकार प्राप्त है.