प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्यों ने राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन यानी 22 जनवरी को लेकर विभिन्न सरकारी आदेश जारी किए हैं, जिनमें सरकारी छुट्टी से लेकर निर्बाध बिजली आपूर्ति और बाज़ार बंदी जैसे फ़रमान शामिल हैं. इस बीच एम्स दिल्ली ने दोपहर तक ओपीडी सेवाएं बंद रखने का फैसला वापस ले लिया है.
घटना अमरोहा के ज़िला अस्पताल की है, जहां अचानक बिजली चले जाने के बाद एक मरीज़ की डायलिसिस प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी. परिजनों के अनुसार, कई घंटों तक अस्पताल में बिजली आने का इंतज़ार करने के बाद घर लौटने पर मरीज़ की हालत बिगड़ने लगी और दूसरे अस्पताल ले जाने के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.
23 नवंबर को अजमेर ज़िले की हाई सिक्योरिटी जेल में अधिकारियों द्वारा बिना किसी सूचना के बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई. इस क़दम के विरोध में क़ैदी भूख हड़ताल पर चले गए, लेकिन कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्होंने हार मान ली.
पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन के क़रीब 20,000 कर्मचारियों ने वेतन का भुगतान नहीं होने का आरोप लगाते हुए जम्मू और कश्मीर डिवीज़नों को पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ विलय के फ़ैसले के विरोध में यह प्रदर्शन शुरू किया है. सरकार के इस क़दम को प्रदर्शनकारी इस केंद्रशासित राज्य की संपत्ति की ‘बिक्री’ के तौर पर देख रहे हैं.
पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन के क़रीब 20,000 कर्मचारियों ने जम्मू और कश्मीर डिवीज़नों को पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ विलय के फ़ैसले के विरोध में यह प्रदर्शन शुरू किया है. कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि साल 2019 में बिजली विकास विभाग के विभाजन के बाद से कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया गया है.