एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के सतना ज़िले की रहिकवारा ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 600 घरों का निर्माण किया गया है, लेकिन पड़ताल में सामने आया कि कागजों में उन लोगों के नाम भी घरों का आवंटन दिखाया गया है, जो मर चुके हैं. करीब 75 घर ढूंढ़े से भी नहीं मिलते हैं. घोटाला सामने आने के बाद दो अधिकारियों समेत भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष के भाई के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में रामनवमी पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद ज़िला प्रशासन द्वारा कई घरों और दुकानों को गिराने की कार्रवाई की गई थी. इसमें हसीना फ़ख़रू का भी मकान अवैध बताकर बुलडोज़र से ढहा दिया गया था, जबकि उनके पास उपलब्ध दस्तावेज़ बताते हैं कि वह मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत था.
रामनवमी पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद खरगोन में ज़िला प्रशासन द्वारा कई घरों और दुकानों को गिराने की कार्रवाई की गई थी. अब एक परिवार के पास उपलब्ध दस्तावेज़ दिखाते हैं कि जिस मकान को अवैध बताकर ढहाया गया वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाया गया था.
मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के स्वतंत्र पत्रकार संजय पुरोहित ने राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे घरों पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाने के फैसले को चुनौती दी थी.
मनरेगा अब काम का अधिकार देने की बजाय स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना और समेकित बाल विकास सेवाओं जैसे कार्यक्रमों की आवश्यकताएं पूरा करने का साधन ज़्यादा बन गया है.