एक महिला द्वारा उनके पार्टनर पर लगाए गए आरोपों के मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि सहमति से बनाए गए संबंध के आधार पर बलात्कार और धोखाधड़ी के आरोपों को बरक़रार नहीं रखे जा सकते, लेकिन महिला के सहमति से संबंध उनके साथ हिंसा करने का लाइसेंस नहीं है.
बलात्कार के एक मामले में सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि भारत एक रूढ़िवादी समाज है, जो सभ्यता के लिहाज़ से अभी उस स्तर पर नहीं पहुंचा है, जहां एक अविवाहित लड़की बिना शादी के वादे के किसी पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बना सके.