दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल में पीने के पानी, शौचालय, उचित सफाई जैसी विभिन्न बुनियादी सुविधाओं की कमी से जुड़ी याचिका सुनते हुए कहा कि एक क़ैदी के संवैधानिक अधिकार जेल में भी बने रहते हैं. कोर्ट ने जेल परिसर में सुविधाओं के निरीक्षण के लिए वकीलों की चार सदस्यीय समिति का गठन भी किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आगरा और वाराणसी की जेलों के क़ैदियों को रिहा करने की मांग वाली दो जनहित याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया है. याचिका में बीस साल से अधिक की सज़ा काट चुके क़ैदियों की रिहाई पर विचार करने की नीति को बदलने के यूपी सरकार के फ़ैसले को भी चुनौती दी गई है.
कई राज्यों की जेलों के मैनुअल कारागार के अंदर किए जाने वाले कामों का निर्धारण जाति के आधार पर करने की बात कहते हैं.