बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्टेन स्वामी के निजी अस्पताल में रहने की अवधि छह जुलाई तक बढ़ाई

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को अदालत के आदेश पर बीते 28 मई को नवी मुंबई की तलोजा जेल से अस्पताल में भर्ती कराया गया था. चिकित्सा आधार पर अंतरिम ज़मानत के लिए इस साल की शुरुआत में दायर याचिका में 84 वर्षीय स्वामी ने दावा किया था कि वह पार्किंसन सहित कई बीमारियों से ग्रस्त हैं.

एल्गार परिषदः एनएचआरसी ने स्टेन स्वामी की चिकित्सकीय देखरेख को लेकर जेल से रिपोर्ट मांगी

तमिलनाडु के एक वकील द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से संपर्क करने के बाद आयोग ने तलोजा जेल अधीक्षक से फादर स्टेन स्वामी को चिकित्सा सुविधाओं से महरूम रखने के आरोपों पर रिपोर्ट तलब की है. एल्गार परिषद मामले में अक्टूबर 2020 से जेल में बंद वयोवृद्ध स्टेन स्वामी कई बीमारियों से जूझ रहे हैं.

पाकिस्तान की जेल में बंद मानसिक रूप से अस्वस्थ 17 भारतीयों के पते- ठिकाने की कोई जानकारी नहीं

पाकिस्तान ने 2015 में भारत को उसकी जेल में बंद इन 17 लोगों के बारे में बताया था, जिन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है, लेकिन उन्हें वापस भारत नहीं भेजा जा सकता, क्योंकि मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण उन्हें अपने पते-ठिकाने के बारे में कुछ याद नहीं है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ इनकी जानकारी साझा की गई थी, लेकिन इनमें से किसी के बारे में छह साल बाद भी कुछ पता नहीं चल सका

एलगार परिषद: स्टेन स्वामी और हेनी बाबू के बाद तीन और आरोपी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए

एक जेल अधिकारी ने बताया कि मुंबई की तलोजा केंद्रीय जेल में बंद एल्गार परिषद मामले में आरोपी महेश राउत, सागर गोरखे और रमेस गाइचोर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. बीते मई महीने में सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी और दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू संक्रमित पाए गए थे.

महाराष्ट्र: 26 क़ैदियों ने पैरोल लेने से किया इनकार, कहा- परिवार पर नहीं बन सकते बोझ

महाराष्ट्र की विभिन्न जेलों में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य के गृह विभाग ने जेलों में क़ैदियों की संख्या को कम करने के अलावा कई अन्य फ़ैसले लिए थे. हालांकि जेल के अधिकारियों ने बताया कि जिन कैदियों को पैरोल दी गई है, उनका मानना है कि बाहर जाकर रोज़गार ढूंढने में अगर वे नाकाम रहे तो आर्थिक परेशानियों के इस दौर में अपने परिवार पर ही बोझ बन जाएंगे.

कोरोना के चलते तिहाड़ जेल से पैरोल पर रिहा 3,468 क़ैदियों का कुछ पता नहीं: रिपोर्ट

जेल प्रशासन ने इन्हें खोजने में मदद करने के लिए दिल्ली पुलिस से मदद मांगी है. दिल्ली की तिहाड़, मंडोली, रोहिणी जेल से दोषी क़रार दिए गए क़ैदियों में 1072 ने समर्पण कर दिया और 112 क़ैदियों ने अब तक समर्पण नहीं किया है. वहीं अंतरिम ज़मानत पर रिहा किए गए 5,556 विचाराधीन क़ैदियों में से क़रीब 2200 ही वापस लौटे हैं.

देश की जेलों में बंद 27.37 फीसदी क़ैदी अशिक्षित, 21 प्रतिशत दसवीं पास: सरकारी डेटा

सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश की जेलों में बंद 41.55 फीसदी क़ैदियों ने दसवीं कक्षा से कम तक ही पढ़ाई की है. 6.31 फीसदी क़ैदी ग्रेजुएट और 1.68 प्रतिशत पोस्ट-ग्रेजुएट हैं.

देश की जेलों में बंद क़ैदियों में 65 प्रतिशत एससी, एसटी और ओबीसी: सरकार

गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा में बताया कि ओबीसी, एससी और अन्य श्रेणियों के क़ैदियों की अधिकतम संख्या उत्तर प्रदेश की जेलों में है, जबकि मध्य प्रदेश की जेलों में एसटी समुदाय की है. इसके अलावा देशभर की जेलों में कुल क़ैदियों में 95.83 फ़ीसदी पुरुष और 4.16 फ़ीसदी महिलाएं हैं.

विदेशी जेलों में बंद हैं सात हज़ार से अधिक भारतीय क़ैदी: विदेश मंत्रालय

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में बताया कि सऊदी अरब की जेलों में सर्वाधिक 1,599 भारतीय क़ैदी हैं, वहीं संयुक्त अरब अमीरात की जेलों में 898 और नेपाल की जेलों में 886 भारतीय बंद हैं.

दिल्ली: महिला बंदी की शिकायत के बाद तिहाड़ प्रशासन ने माना, विदेशी क़ैदियों ने की जेल में हिंसा

तिहाड़ जेल में बंद पिंजड़ा तोड़ संगठन की नताशा नरवाल ने आरोप लगाया था कि जेल में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के चलते संपर्क माध्यम निषिद्ध कर दिए गए हैं. इसके जवाब में जेल के अधिकारियों ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि कुछ दिन पहले कई विदेशी क़ैदियों द्वारा हिंसा में 10 जेलकर्मियों समेत 25 लोग घायल हो गए थे.

जेलों में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए आइसोलेशन वार्ड बने, रैपिड टेस्टिंग हो: समिति

कोरोना वायरस के मद्देनज़र जेलों में क़ैदियों की संख्या कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये समिति बनाई गई थी. समिति ने क़ैदियों को ज़मानत या पैरोल देने के मानदंडों में भी ढील दी है.

लॉकडाउन के दौरान जेलों से 42 हज़ार से अधिक विचाराधीन क़ैदियों को किया गया रिहा: रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बीते मार्च महीने में कोरोना वायरस के मद्देनज़र जेलों में भीड़भाड़ को कम करने का निर्देश दिया था. राष्ट्रीय क़ानूनी सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 9,977 विचाराधीन क़ैदियों को रिहा किया गया.

कोरोना वायरस: सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, कैदियों की रिहाई के लिए पैनल गठित करें सभी राज्य

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनज़र देशभर की जेलों में बंद कैदियों की चिकित्सा सहायता के लिए स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की और कहा कि क्या हम इस हालात को देखते हुए जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने और जेलों की क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं?

कोरोना वायरस: जेलों में भीड़ कम करेगी दिल्ली सरकार, कैदियों को देगी विशेष पैरोल और फर्लो

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दो वकीलों ने जेलों में भीड़ कम करने की मांग की थी और कहा था कि 5200 कैदियों की क्षमता वाले तिहाड़ जेल में 12,100 से अधिक कैदियों को रखा गया है और देश में अधिकतर जेलों की ठीक ऐसी ही स्थिति है.