अगर अगड़ी जाति को संविधान सम्मत और समता-मूलक समाज के अनुरूप अपने वैश्विक दर्शन को ढालना है, तो अपने विशेषाधिकारों पर सवाल करना होगा.
वीडियो: सांसदों के पास क्या कोई विशेष अधिकार होते है? क्या उन्हें दीवानी और फौजदारी मामलों में कोई ख़ास सुरक्षा मिलती है? अगर लोकसभा या राज्यसभा में कोई सदस्य अपनी बात रखता है, तो क्या उस पर अपनी बात आज़ादी से कह पाने के लिए संविधान में कोई ख़ास अनुच्छेद है, बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.