लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सीट पर भाजपा को हराने वाले सांसद प्रवीण निषाद के भाजपा में शामिल होने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
बीते दिनों अयोध्या स्थित हुनमानगढ़ी मंदिर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के जाने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित कई नेताओं ने सवाल उठाया है.
पूर्वी उत्तर प्रदेश में अस्मिता की राजनीति सबसे अधिक तीखी है. पटेल, कुर्मी, राजभर, चौहान, निषाद, कुर्मी-कुशवाहा आदि जातियों की अपनी पार्टियां बन चुकी हैं और उनकी अपनी जातियों पर पकड़ बेहद मज़बूत है. कांग्रेस को इन सबके बीच अपने लिए कम से कम 20 फीसदी से अधिक वोटों को जुगाड़ करना होगा तभी वह यूपी में सम्मानजनक स्थान पा सकती है.
द वायर बुलेटिन में जानिए आज दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
इस मुलाकात के बारे में मीडिया के सवाल पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि आप इस मामले का राजनीतिकरण करना चाहते हैं तो कीजिए, मैं सिर्फ उनका हाल जानने आई थी.
गुजरात के अहमदाबाद में एक जनसभा में प्रियंका गांधी ने कहा कि आने वाले दो महीनों में आपके सामने तमाम मुद्दे उछाले जाएंगे, आपकी जागरूकता ही इस देश को बनाएगी. ये आपकी ज़िम्मेदारी है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘द वायर हिंदी’ के दो साल पूरे होने पर नई दिल्ली में हुए ‘द वायर डॉयलॉग्स’ कार्यक्रम में लोकसभा चुनाव की रणनीति और बसपा के साथ किए गए गठबंधन पर अपने विचार रखे.
पिछले दो दिनों से कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से मनी लॉन्डरिंग और बेनामी संपत्ति के मामले में पूछताछ कर रहा है. आम चुनाव से कुछ ही हफ़्तों पहले इस जांच की शुरुआत करना क्या राजनीतिक बदले की भावना से ग्रसित है. आरफ़ा ख़ानम शेरवानी वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा और पत्रकार रोहिणी सिंह से चर्चा कर रही हैं.
भारतीय राजनीति में करिश्माई नेतृत्व ने कई करिश्मे दिखाए हैं, लेकिन किसी भी दौर में करिश्मे के मुकाबले ज़मीनी समीकरण और समुदायों की गोलबंदियां ज्यादा प्रभावी रही हैं. फिलहाल कांग्रेस कम से कम यूपी में तो इन दोनों मोर्चों पर पिछड़ती नज़र आ रही है.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक कार्यक्रम में कहा कि नरेंद्र मोदी ने मुझे गुजरात से सांसद बनाया, राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तावित किया. जब मुझे मानव संसाधन मंत्री के तौर पर सेवा करने का मौका मिला, तो नेतृत्व के अलावा किसी को मुझ पर भरोसा नहीं था.
अगर प्रियंका का प्रदर्शन अच्छा रहा, तो वे लंबी पारी खेलने के लिए राजनीति में रह सकती हैं. अगर नतीजे इसके उलट रहें, तो उनकी नियति ‘बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले’ वाली हो सकती है.
क्या अगले आम चुनाव में मोदी सरकार या महागठबंधन में से कोई नेता या दल अपने चुनावी घोषणा-पत्र में यह वादा कर सकता है कि वो देश की आम जनता को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा देने की संवैधानिक जवाबदारी निभाने के लिए 2019 से देश के अरबपतियों और अमीरों पर उचित टैक्स लगाने का काम करेगा?
बिहार सरकार में मंत्री और भाजपा नेता विनोद नारायण झा ने कहा कि प्रियंका गांधी बेहद खूबसूरत हैं, लेकिन उसके अलावा उनकी कोई राजनीतिक उपलब्धि नहीं.
एक नागरिक और कार्यकर्ता के रूप में सतर्क रहना चाहिए कि राजनीति चंद परिवारों के हाथ में न रह जाए. लेकिन इस सवाल पर बहस करने योग्य न तो अमित शाह हैं, न नरेंद्र मोदी और न राहुल गांधी. सिर्फ जनता इसकी योग्यता रखती है. जब तक ये नेता कोई साफ़ लाइन नहीं लेते हैं, परिवारवाद के नाम पर इनकी बकवास न सुनें.
प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव बनाए जाने पर भाजपा ने कहा कि कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया कि राहुल गांधी पार्टी को नेतृत्व देने में असफल रहे.