सुप्रीम कोर्ट ने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के साथ-साथ दिल्ली पुलिस को भी फटकार लगाई है. अदालत ने कहा है कि पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर पर पर्याप्त कार्रवाई नहीं की. इस बीच, सीजेआई एनवी रमना के समक्ष दायर एक पत्र याचिका में नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई प्रतिकूल टिप्पणी को वापस लेने का आग्रह किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ टीवी बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के लिए निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में उनके ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को दिल्ली ट्रासंफर करने के लिए दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी. पीठ ने उस टीवी बहस की मेज़बानी के लिए समाचार चैनल टाइम्स नाउ पर भी कड़ा रुख अपनाया. अदालत ने पूछा कि टीवी पर वह बहस किस लिए थी? केवल एक एजेंडा को बढ़ावा देने के लिए?
पिछले हफ़्ते एक अधिकारी ने दावा किया था कि नूपुर शर्मा को समन देने के लिए दिल्ली गई मुंबई पुलिस की एक टीम उन्हें नहीं ढूंढ पाई थी. फ़िर उन्हें ईमेल के ज़रिये समन भेजकर 25 जून को दक्षिण मुंबई के पायधुनी थाने में पेश होने के लिए कहा गया था. इसी तरह अमहर्स्ट स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद कोलकाता पुलिस ने उन्हें समन जारी कर पेश होने को कहा था.
भाजपा नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद हुए प्रदर्शन के दौरान सहारनपुर में भड़की हिंसा के मामले में आरोपी बनाए गए लोगों के परिवारों को घर गिराए जाने संबंधी नोटिस मिल रहे हैं. परिजनों का कहना है कि नोटिसों का 10 जून यानी हिंसा भड़कने के दिन ही जारी होना इन पर सवाल खड़े करता है.
पूर्व नौकरशाहों के कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप ने देश के मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक खुले पत्र में कहा कि अब समस्या केवल स्थानीय स्तर पर पुलिस और प्रशासन की 'ज़्यादतियों' की नहीं है बल्कि तथ्य यह है कि क़ानून के शासन, उचित प्रक्रिया और 'दोषी साबित न होने तक निर्दोष माने जाने' के विचार को बदला जा रहा है.
निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी के विरोध में बीते 10 जून को झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा के दौरान 20 वर्षीय मोहम्मद साहिल और 15 वर्षीय मुदस्सिर आलम की गोली लगने से मौत हो गई थी.
झूठ का पहाड़ जब ढहने लगे, क्रूरता के क़िले की दीवार में सेंध लग जाए, रंगे सियार का उतरने लगे रंग, तो सबसे बड़ा सहारा है... बुलडोजर.
पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ भाजपा नेताओं की टिप्पणी के विरोध में बीते 10 जून को झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा के दौरान नाबालिग सहित दो लोगों की मौत हो गई थी. परिजनों ने पुलिस के साथ-साथ एक स्थानीय हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता पर गोलीबारी का आरोप लगाया था, लेकिन इस संबंध में पुलिस ने अब तक उनकी एफ़आईआर नहीं लिखी है. अब परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल करने की बात कही है.
उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में इत्तिहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा के आह्वान पर भाजपा नेता नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर बीते 19 जून आयोजित कार्यक्रम में निर्धारित संख्या से अधिक लोगों के शामिल होने पर आयोजकों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है. इधर पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर कोलकाता के एक थाने में दर्ज मामले में निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा पेश नहीं हुईं.
नूपुर शर्मा उन्हें सिखाए गए तरीके से ही खेल रही थीं. अतीत में उन्हें या भाजपा की ओर से बोलने वाले उनके किसी भी सहकर्मी को कभी भी हिंसक मुस्लिम विरोधी टिप्पणियों के लिए फटकार नहीं मिली. असल में तो ऐसा लगता है कि यह पार्टी के शीर्ष नेताओं की नज़र में आने का बढ़िया तरीका रहा है.
इलाहाबाद पुलिस शहर के करेली और खुल्दाबाद इलाके में बीते 10 जून को भड़की हिंसा के संबंध में अब तक 97 लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है. गिरफ़्तार किए गए लोगों में जावेद मोहम्मद भी शामिल हैं, जिनका मकान प्रशासन ने अवैध बताकर गिरा दिया था. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 20 एफ़आईआर दर्ज की गई है और 415 आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है.
वीडियो: निलंबित भाजपा नेता- नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद भारत के कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. अरब देशों ने भी विरोध दर्ज कराया था. उत्तर प्रदेश में प्रशासन ने हिंसा के आरोपियों के घर तक बुलडोज़र से गिरवा दिए. द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से इन मुद्दों पर चर्चा की.
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ 28 मई को रज़ा अकादमी के संयुक्त सचिव इरफ़ान शेख़ की शिकायत पर दक्षिण मुंबई के पायधुनी थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई थी. शर्मा को बयान दर्ज कराने के लिए 25 जून को पायधुनी थाने में पेश होने के लिए कहा गया है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हम भाजपा के दो (पूर्व) पदाधिकारियों की अपमानजनक टिप्पणियों की निंदा करते हैं. यह देखकर ख़ुशी हुई कि पार्टी ने उनके बयानों की सार्वजनिक तौर पर निंदा की. हम भारत को मानवाधिकारों के सम्मान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
रांची में पुलिस ने मंगलवार को 10 जून की हिंसा में वांछित लोगों के पोस्टर जारी किए थे. बाद में तकनीकी त्रुटि का हवाला देते हुए इन्हें सुधार कर दोबारा जारी करने की बात कही गई. सत्तारूढ़ झामुमो और कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा इसके विरोध के बीच गृह सचिव ने रांची एसएसपी से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है.