इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2022 बताती है कि भारत के 25 राज्य मानवाधिकार आयोगों में से अधिकांश में मामलों की जांच करने के लिए स्टाफ तक नहीं है, जिसके चलते मानवाधिकारों के कथित उल्लंघनों की जांच और समाधान खोजने की उनकी क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में एक सवाल के जवाब में बताया है कि पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों की संख्या में पिछले तीन वर्षों में लगभग 60 फीसदी और पिछले दो वर्षों में 75 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. महाराष्ट्र में ऐसे मामलों में दस गुना की वृद्धि हुई है.