जम्मू कश्मीर के पुरस्कार विजेता पत्रकार आसिफ़ सुल्तान को उत्तर प्रदेश की अंबेडकर नगर जेल से श्रीनगर के बटमालू इलाके में उनके घर लाए जाने के कुछ घंटों बाद गिरफ़्तार कर लिया गया. यूपी की जेल में वे 2022 से सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत निवारक हिरासत में थे.
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कश्मीरी पत्रकार सज्जाद गुल के ख़िलाफ़ जन सुरक्षा अधिनियम के तहत लगाए गए आरोपों संबंधी सुनवाई में कहा कि सूबे के प्रशासन ने कार्यवाही को मंज़ूरी देते समय अपना दिमाग़ नहीं लगाया और ऐसा कुछ पेश नहीं किया जो साबित करता हो कि गुल राष्ट्रहित के ख़िलाफ़ काम कर रहे थे.
जम्मू कश्मीर की समाचार वेबसाइट ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह के ख़िलाफ़ जन सुरक्षा क़ानून के तहत कार्यवाही को रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने इसके तहत उनके हिरासत के आधार को ‘केवल संदेह के आधार पर’ और ‘मामूली दावा’ क़रार दिया. फरवरी 2022 में फ़हद को आतंकवाद का महिमामंडन करने, फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने और जनता को भड़काने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
जम्मू कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी ने 'द कश्मीर वाला' के कार्यवाहक संपादक यशराज शर्मा को समन जारी कर 2011 में पत्रिका में छपे एक विवादित लेख के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया था. लेख के प्रकाशन के समय यशराज की उम्र 12 वर्ष थी.
पुलिस के अनुसार, वह सभी आरोपियों पर जन सुरक्षा क़ानून (पीएसए) भी लगाने की तैयारी कर रही है. जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज़ अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से बंद थी. हाल ही में पुलिस ने इसकी अनुमति दी है.