समाचार पोर्टल ‘द कश्मीरवाला’ के संपादक फहद शाह को अदालत से तीन बार ज़मानत मिलने के बाद उन पर जनसुरक्षा क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस द्वारा इसके तहत दिए गए डोज़ियर में कहा गया है कि फहद अपने पेशे का दुरुपयोग कर राष्ट्रविरोधी कंटेंट पोस्ट करते हैं. पत्रकारों और कार्यकर्ताओं द्वारा उनकी गिरफ़्तारी का विरोध किया जा रहा है.
समाचार पोर्टल ‘द कश्मीरवाला’ के संपादक फहद शाह को एक महीने के भीतर तीसरी बार गिरफ़्तार करने से पहले दो बार ज़मानत मिल गई थी. फहद की बार-बार गिरफ़्तारी और यूएपीए के तहत मामला दर्ज करने का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है. वैश्विक मीडिया एडवोकेसी समूहों और कार्यकर्ताओं ने उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है.
जम्मू कश्मीर के शोपियां की एक अदालत से ज़मानत मिलने के कुछ घंटे बाद समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. उन्हें बीते शनिवार को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. शाह को आतंकवाद का महिमामंडन करने, फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने और राज्य के लोगों को भड़काने के आरोप में बीते चार फरवरी को गिरफ़्तार किया गया था.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की ओर कहा गया है कि कश्मीर में मीडिया की स्वतंत्रता का दायरा लगातार सिमटता गया है. संगठन ने ‘द कश्मीर वाला’ न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह और इसी संस्थान के एक अन्य पत्रकार सज्जाद गुल की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन से आग्रह किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर पत्रकारों का उत्पीड़न बंद करें.
द कश्मीर वाला न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह को गिरफ़्तार करते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस ने आरोप लगाया कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट 'आतंकी गतिविधियों का महिमामंडन' करते हैं और देश के ख़िलाफ़ 'दुर्भावना व अंसतोष' फैलाते हैं. पत्रकार संगठनों ने इसकी निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने 30 जनवरी को पुलवामा में हुई एक मुठभेड़ को लेकर एक प्रमुख टीवी कमेंटेटर माजिद हैदरी, ऑनलाइन पोर्टल न्यूज़क्लिक के वीडियो पत्रकार कामरान यूसुफ़ और फ्री प्रेस कश्मीर के पत्रकार विकार सैयद को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया था.
दोनों फोटो पत्रकारों दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के मारवाल गांव में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच गोलीबारी की घटना को कवर करने गए थे.
जम्मू कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवान अजय कुमार के अंतिम संस्कार में केंद्रीय राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और मेरठ से भाजपा विधायक राजेंद्र अग्रवाल शामिल हुए थे.
पुलवामा के पिंगलान इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों की एक संयुक्त टीम ने कार्रवाई शुरू की थी. इस मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई है.
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले में 15 दिसंबर को आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान सात आम नागरिकों की मौत हो गई थी. इस मुठभेड़ में सेना से भागकर आतंकी बने ज़हूर अहमद ठोकर समेत तीन आतंकी मारे गए थे.