चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित सिख मुख्यमंत्री होंगे. उन्हें सर्वसम्मति से राज्य कांग्रेस के विधायक दल का नेता चुना गया है. वह इससे पहले अमरिंदर सिंह सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कई महीनों से चल रही तनातनी की पृष्ठभूमि में शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया था.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा ने इस्तीफा देने से कुछ घंटे पहले उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिसे पंजाब में कांग्रेस नेतृत्व में हुए बदलाव की परोक्ष आलोचना के रूप में देखा गया था. बीते शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
कांग्रेस पार्टी में कलह को लेकर पूछे गए सवाल पर अंबिका सोनी ने कहा कि कोई कलह नहीं है. अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसके जवाब में उन्होंने वही बात दोहराई कि पंजाब का मुख्यमंत्री सिख होना चाहिए. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कई महीनों से चल रही तनातनी की पृष्ठभूमि में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पिछले कई महीनों से चल रही तनातनी की पृष्ठभूमि में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफ़ा सौंपा है. इस्तीफ़ा देते वक्त अमरिंदर सिंह ने कहा कि ये राजनीति होती है. ये फैसला जिस भी वजह से लिया गया, जितना फैसला था सब कांग्रेस अध्यक्ष ने लिया.
नवजोत सिंह सिद्धू के क़रीबी चार मंत्री और तीस से अधिक कांग्रेस विधायकों की नई मांग है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाना चाहिए.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पार्टी के ही प्रतिद्वंद्वी खेमे से खुले विद्रोह का सामना कर रहे हैं. चार मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी और क़रीब 24 विधायकों ने मंगलवार को मुलाकात कर कहा कि अमरिंदर सिंह कुछ प्रमुख चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं.
इस फ़ैसले के साथ ही कांग्रेस पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के विरोध की अनदेखी करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू का समर्थन करने का स्पष्ट संकेत दे दिया है. पार्टी नेतृत्व को लगता है कि सिद्धू नई ऊर्जा और उत्साह के साथ पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व कर सकते हैं और अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं.
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